सरकार की लापरवाही के कारण आयुष्मान योजना बंद होने वाली

Chhattisgarh Reporter
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भुगतान नहीं होने पर कभी भी निजी अस्पताल ईलाज बंद कर देंगे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

रायपुर 01 दिसंबर 2024। सरकार की लापरवाही के कारण आयुष्मान योजना बंद होने वाली है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों का भाजपा सरकार 1500 करोड़ से अधिक का भुगतान रोक कर रखी है जिसके कारण निजी अस्पताल वाले आयुष्मान योजना के तहत गरीबों का ईलाज बंद करने की चेतावनी अनेकों बार दे चुके है। बकाया भुगतान करने की अस्पतालों ने अंतिम चेतवानी भी सरकार को दिया है। उसके बाद भी सरकार अस्पतालों का भुगतान नहीं कर रही है। यदि निजी अस्पतालों ने गरीबों का ईलाज बंद कर दिया तो गरीब वर्ग के लोग मुश्किल में पड़ जायेंगे। अनेक ऐसी बीमारियां है जिनका ईलाज निजी अस्पतालों में ही होता है। साथ ही सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों का ईलाज हो भी नहीं सकता। अतः सरकार इस मामले में त्वरित निर्णय ले।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर 2018 की तुलना में ढाई गुना बेहतर विकसित किया था। सभी जिला अस्पतालों को मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल के तौर पर विकसित किया था। ब्लॉक के अस्पतालों में भर्ती की सुविधाएं विकसित की थी। अधिकांश जिला अस्पताल में डायलिसिस और क्रिटिकल केयर यूनिट शुरू किए गए थे। 25 लाख तक की मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना छत्तीसगढ़ में संचालित थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में 4000 से अधिक नियमित पदों पर डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन और सहायक कर्मचारी की भर्तियां की। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य सहायता योजना, हाट बाजार क्लिनिक, मोहल्ला क्लीनिक, दाई दीदी क्लिनिक, हमर अस्पताल और हमर लैब स्थापित किया था लेकिन अब सरकार बदलते ही विगत 11 महीनों के भीतर छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल हो चुका है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राजधानी के मेकाहारा से लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र तक स्वास्थ्य सुविधायें भगवान भरोसे है। भाजपा सरकार की दुर्भावना, उपेक्षा और निकम्मेपन के चलते हैं मामूली बीमारी से बड़ी संख्या में लोग बे-मौत मरने मजबूर हैं। पीलिया, मलेरिया, डायरिया से रोज़ मौत हो रही है। सुकमा के गोगुंडा गांव में 15 दिनों में 10 आदिवासियों की मलेरिया से मौत हो गयी है। मौसमी बीमारियों से रोकथाम के उपाय बंद होने के कारण विगत 11 महीनों में ही प्रदेश में मलेरिया संक्रमण दर 8 गुना बढ़ गई है। हमर अस्पताल, हाट बाजार क्लीनिक, मोहल्ला क्लीनिक, शहरी स्लम चिकित्सक सेवा कार्यक्रम बाधित है। बड़े ऑपरेशन तो दूर, मामूली इलाज़ के लिए जनता भटक रही है।

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