दिल्ली : लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी एनसीआर बिल पास, चार दलों ने किया बिल का विरोध

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर          

नई दिल्ली 25 मार्च 2021। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) विधेयक-2021 को लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी पास कर दिया गया। दिल्ली सरकार लगातार इस बिल का विरोध करती रही लेकिन उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने वाला यह विधेयक राज्यसभा से पास हो गया। विधेयक पर बहस के दौरान जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस सहित चार दलों ने विरोध करते हुए सदन की कार्रवाई से वॉकआउट किया, लेकिन विधेयक के पक्ष में बहुमत होने के बाद उप सभापति ने उसे पास कर दिया। इससे पहले 22 मार्च को ही बिल को लोकसभा में पास कर दिया गया था।

भाजपा ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया: केजरीवाल

लोकसभा से बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर प्रतिक्रया जाहिर करते हुए ट्विट किया था कि भाजपा ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया है। जीतने वालों से शक्तियां छीनकर हारने वालों को दे दिया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने विधेयक को लोकतंत्र की हत्या सरीखा बताया था। 

बिल पास होने से होंगे ये बदलाव

विधेयक के कानून बनने से एक बार फिर दिल्ली सरकार को कोई भी नियम कानून या योजना लाने से पहले उपराज्यपाल की सहमति लेनी होगी। ऐसे में अगर कोई योजना लटकती है तो दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने होंगे। आशंका जाहिर की जा रही है कि दिल्ली में 2018 से पहले की कहानी दोबारा दुहराई जाने वाली है। अगर सरकार और उपराज्याल के बीच मतभेद होगा तो योजनाएं लागू करना आसान नहीं होगा।

ममता बनर्जी ने भी किया विधेयक का विरोध

ममता बनर्जी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा था कि ‘मैं प्रधानमंत्री के पद का सम्मान करती हूं, लेकिन मुझे अफसोस के साथ उनसे कहना पड़ रहा है कि आप चुने हुए मुख्यमंत्री से अधिक शक्तियां उपराज्यपाल को देना चाहते हैं। मैं इसकी निंदा करती हूं और मुझे लगता है कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला प्रत्येक नागरिक इसका विरोध करेगा। मैं अरविंद केजरीवाल और चुनी हुई सरकार का समर्थन करती हूं लेकिन मनोनीत व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकती।’

यह विधेयक खतरनाक है: मल्लिकार्जुन खरगे 

नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इसका विरोध किया और कहा, यह संशोधन विधेयक खतरनाक है। यह निर्वाचित सरकार के अधिकारों पर कुठाराघात करेगा उन्हें समाप्त कर देगा। यह दिल्ली और उसकी चुनी हुई सरकार को नष्ट कर देगा। खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार एलजी को प्रभावशाली बनाकर चुनी हुई सरकार को उसका सेवक बना देना चाहती है।

बीजू जनता दल के सांसद ने किया वॉकआउट

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के सांसद प्रसन्ना आचार्य ने भी बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने तय किया है कि वो इस बिल का समर्थन नहीं करेगी। ये बिल चुनी हुई सरकार की ताकत को कम करता है। बिना किसी हंगामे के हम सदन से वॉकआउट कर रहे हैं।

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