बच्चों के विकास में खेलों के महत्व को किया गया रेखांकित
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 12 जून 2024। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ द्वारा सरकार, समुदाय और पालकों के साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पहले अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस का आज आयोजन किया गया, जिसके तहत बिलासपुर में विभिन्न खेल गतिविधियों से बच्चों को पारंपरिक खेलों से जोड़ा गया। इस वैश्विक अभियान के माध्यम से बच्चों के समग्र विकास में खेल के महत्व को रेखांकित किया गया। महिला और बाल विकास विभाग बिलासपुर के सहयोग से यूनिसेफ आंगनबाड़ी केंद्रों पर “परवरिश के चैंपियन (पालन पोषण चैंपियन) कार्यक्रम के तहत खेल के महत्व पर बच्चों के लिए सत्र आयोजित किया गया। जिले के कुछ विशेष पिछड़े गाँव में बच्चों में सामाजिकता का भाव भरने के उद्देश्य से युवोदय मनोबल स्वयंसेवकों द्वारा बच्चों को विभिन्न प्रकार के खेल करवाये गये जैसे चिड़िया उड़ , गोटा , भौंवरा , नदी पहाड़ , बाग बकरी , पंजा लड़ायी , गेड़ी , तिरी पासा , पिंकी पिंकी वाट कलर , कुदौल्ला इत्यादि ।
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ की शिक्षा विशेषज्ञ छाया कुंवर ने कहा कि, “खेल हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। यह उनके संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक, और भावनात्मक कल्याण में योगदान देता है। खेल बौद्धिक, सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक क्षेत्रों में सीखने के अवसर पैदा करता है – खेल के माध्यम से, बच्चे दूसरों से संबंध बनाते हैं, नेतृत्व कौशल विकसित करते हैं, चुनौतियों का सामना करते हैं और अपने डरों को जीतते हैं। खेल बच्चों के जीवन में सृजनात्मकता, नवाचार, और नेतृत्व को बढ़ावा देता है। जब बच्चे खेलते हैं, तो वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हैं। इन उद्देश्यों के साथ, 11 जून को अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस का जश्न मनाया गया। स्कूलों, घरों, और पड़ोस में बच्चों के साथ खेल की गतिविधि में शामिल होकर, और उनके शारीरिक और मानसिक विकास का समर्थन करते हैं,” – अभिषेक सिंह, सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन विशेषज्ञ, यूनिसेफ छत्तीसगढ़। अरपा सामुदायिक रेडियो की निदेशक श्रीमती संज्ञा टंडन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी सामुदायिक रेडियो स्टेशन आज इस अभियान का हिस्सा हैं और समुदाय के साथ माता-पिता की भूमिका और खेल के महत्व पर संवाद कर रहे हैं।
एनएसएस बिलासपुर से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से प्रोफेसर मोना केवट द्वारा इस अवसर पर ग्राम परसदा ब्लॉक कोटा में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे जिला संगठक एनएसएस मनोज सिन्हा, श्रीमती कांति आँचल, जिला सलाहकार यूनिसेफ़ रुमाना ख़ान, सरपंच सन्तराम लहरे, उप सरपंच जागेश्वर यादव , पंच राकेश वस्त्रकार, पंच राम केवट सहयोगी सुभाष केवट , आशीष सूर्यवंशी उपस्थित रहे और बड़ी संख्या में बच्चे एवं ग्रामीणों ने सहभागिता की।
एनएसएस ज़िला समन्वयक मनोज सिन्हा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग़ का वास होता है और वर्तमान में बच्चों के विकास के लिए प्रतिदिन खेलकूद बहुत आवश्यक है, वर्तमान में बच्चों को मोबाइल और वर्चुअल दुनिया से अलग कर थोड़ा समय खेलों को देने की दिशा में सकारात्मक पहल की जरूरत है।