सुप्रीम कोर्ट का प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले पर नेपाली सरकार को कारण बताओ नोटिस

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर          

काठमांडू  25 दिसंबर 2020।  नेपाली उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली नीत सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया और कहा कि वह संसद को अचानक भंग करने के अपने निर्णय के संबंध में लिखित स्पष्टीकरण पेश करे। ‘माई रिपब्लिका’ समाचार पत्र की एक खबर के अनुसार 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को भंग करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर रिट याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया।

पीठ ने प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति कार्यालय से लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा क्योंकि सभी रिट याचिकाओं में उन्हें प्रतिवादी बनाया गया है। न्यायालय ने सदन को भंग करने के लिए सरकार द्वारा की गई सिफारिशों की मूल प्रति भी पेश करने को कहा है। पांच सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति बिश्वंभर प्रसाद श्रेष्ठ, न्यायमूर्ति तेज बहादुर केसी, न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति हरि कृष्ण कार्की शामिल हैं।

प्रधान न्यायाधीश राणा की एकल पीठ ने बुधवार को सभी रिट याचिकाओं को संवैधानिक पीठ को सौंप दिया था। संसद को भंग करने के सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए कुल 13 रिट याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में दायर की गई हैं।

इस बीच, सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों धड़ों के बीच पार्टी पर नियंत्रण को लेकर टकराव तेज होने के बीच प्रधानमंत्री ओली ने शुक्रवार शाम को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। समाचार पत्र ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि संभावना है कि प्रचंड नीत धड़े के सात मंत्रियों के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। ओली मंत्रिमंडल में अब 18 सदस्य हैं जिनमें मंत्री और राज्य मंत्री शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री ओली की सिफारिश पर रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा प्रतिनिधि सभा भंग करने तथा मध्यावधि चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के बाद नेपाल में राजनीतिक संकट पैदा हो गया। इस फैसले का नेपाली कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने विरोध किया है।

Leave a Reply

Next Post

मध्यप्रदेश में लव जिहाद बिल को शिवराज सरकार ने दी मंजूरी , अधिकतम 10 साल की होगी सजा, मददगारों को भी मिलेगी सजा

शेयर करेमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर हुई बैठक, बिल को शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा जबर्दस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध […]

You May Like

वक्फ़ संशोधन विधेयक पर टी. राजा सिंह का बयान: रामनवमी शोभा यात्रा में कहा, वक्फ़ कानून 'जमीन जिहाद' को रोकेगा....|....राहुल गांधी बेगूसराय में कांग्रेस की पदयात्रा में हुए शामिल, संविधान सुरक्षा सम्मेलन' को संबोधित करने पटना रवाना....|....यूपी में एक और 'सौरभ' की हत्या: पत्नी ने किया रेलकर्मी का कत्ल... इस लालच में पति को मारा; शिवानी का कबूलनामा....|....'रामनवमी की शोभायात्रा को बनाया गया निशाना, बरसाए गए पत्थर', भाजपा का दावा; पुलिस ने दिया यह जवाब....|....प्रदेश में होगा सबसे बड़ा वैश्विक निवेशक सम्मेलन और भूमि पूजन समारोह, 33 लाख करोड़ निवेश की उम्मीद....|....विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर हुआ जमकर हंगामा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्थगन प्रस्ताव पर जमकर बवाल....|....'सफेद टी-शर्ट पहनकर आइए, सवाल पूछिए और आवाज उठाइए', बिहार यात्रा से पहले राहुल की जनता से अपील....|....पालघर में रामनवमी पर बवाल, बाइक रैली पर उपद्रवियों ने फेंके अंडे; तनाव के बाद भारी पुलिस बल तैनात....|....मुंबई के लीलावती अस्पताल में विशेष किडनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन....|....राष्ट्रपति ने दी वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी, अब बन गया कानून