छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
इंफाल 23 नवंबर 2024। मणिपुर पुलिस ने जनप्रतिनिधियों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इन्हें पिछले दो दिनों में गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस बीच कहा कि प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और लूटपाट की घटना में शामिल लोगों की पहचान कर ली गई है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 16 नवंबर को प्रदर्शनकारियों ने छह लापता व्यक्तियों के शव मिलने के बाद तीन राज्य मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला किया था।
अपहरण कर मारे गए छह लोगों का अंतिम संस्कार
मणिपुर के जिरिबाम जिले में शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अपहरण कर मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें मैतेई समुदाय की तीन महिलाएं और तीन बच्चे थे। पिछले दिनों जिरिबाम से अपहृत बंधकों के शवों को शुक्रवार को ही उनके परिवारों को सौंपे गए। इन शवों को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज से लाया गया था, जहां उनका पोस्टमार्टम हुआ था। तीन महिलाएं और तीन बच्चे 11 नवंबर को जिरिबाम में एक राहत शिविर से लापता हो गए थे, जब सीआरपीएफ और कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हुई थी। सुरक्षा बलों ने जवाबी गोलीबारी में 10 उग्रवादियों को मार गिराया था।
हमले से सहमे मंत्री, पुश्तैनी घर को कंटीले तारों से घिरवाया
मणिपुर में जारी हिंसा और अशांति के बीच राज्य के मंत्री भी भय के साये में जीने को मजबूर हैं। भीड़ के हमले के डर से मणिपुर के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसींद्रो मैतेई ने इंफाल ईस्ट जिले में अपने पुश्तैनी घर के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ और लोहे की जालियां लगाई हैं। यही नहीं, यहां सुरक्षा बलों के लिए अस्थायी बंकर भी बनाए गए हैं। मैतेई के खुरई स्थित पैतृक घर पर 16 नवंबर को भीड़ ने हमला किया था। मंत्री ने कहा कि पिछले साल तीन मई के बाद से अबतक तीन बार हमला हो चुका है। उन्होंने कहा, सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। प्रदर्शनकारी 16 नवंबर को इलेक्ट्रिक ड्रिल और हथौड़ों के साथ आगजनी, लूटपाट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से आए थे। सुसींद्रो ने कहा, मैं उस दिन घर में नहीं था। दोपहर में बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग आए थे और मेरे परिवार ने उनसे बात की और वे चले गए।
कांग्रेस की घोर विफलता का दुष्परिणाम आज भी महसूस किया जा रहा : नड्डा
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सत्ता में रहने के दौरान स्थानीय मुद्दों से निपटने में कांग्रेस के पूरी तरह विफल रहने के दुष्परिणाम मणिपुर में आज भी महसूस किए जा रहे हैं। नड्डा ने कांग्रेस पर मणिपुर में अशांति के मुद्दे को लेकर गलत, झूठा और राजनीति से प्रेरित धारणा बनाने का आरोप लगाया। नड्डा ने खरगे को लिखे पत्र में कहा कि कांग्रेस मणिपुर की स्थिति को सनसनीखेज बनाने का बार-बार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि खरगे यह भूल गए हैं कि उनकी सरकार ने भारत में विदेशी उग्रवादियों के अवैध प्रवास को न केवल वैध बनाया था बल्कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उनके साथ संधियों पर भी हस्ताक्षर किए थे।
राजनीति से प्रेरित, झूठ से भरे व ध्यान भटकाने वाले हैं आरोप: कांग्रेस
कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर उनके इस आरोप को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी मणिपुर के मुद्दे पर राजनीति से प्रेरित कहानी पेश कर रही है। नड्डा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी ने मणिपुर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा था। जाहिर तौर पर उस पत्र का जवाब देने के लिए भाजपा अध्यक्ष ने अब कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि नड्डा का पत्र, आश्चर्य की बात नहीं है, झूठ से भरा है और यह 4डी अभ्यास है- इन्कार, विकृति, ध्यान भटकाना और मानहानि।