ठेकेदारों, अधिकारियों और व्यापारियों से हो रही वसूली
भागवत जायसवाल, बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’ ने 14 से 20 अगस्त 2006 के अंक में ‘‘नक्सली छत्तीसगढ़ से कर रहे करीब 2 अरब की उगाही ! ’’ ठेकेदारों, अधिकारियों और व्यापारियों से हो रही वसूली के शीर्षक से खुलासा किया था। छत्तीसगढ़ में समस्या नक्सली है या समस्याओं के कारण नक्सली? यह दुविधा आज भी है। छत्तीसगढ़ राज्य, नक्सली हिंसा से चिंतित है। यह सिर्फ कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है, बल्कि अत्यंत गहन सामाजिक-आर्थिक मुद्दा है जिस पर अब तक की तुलना में ज्यादा सार्थक तरीके से ध्यान दिया जाना चाहिए। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के व्यापारियों,छोटे-बड़े ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों से नक्सली संगठनों के द्वारा हर साल करीब 2 से ढाई अरब रुपए की उगाही की जा रही है। स्थिति तो अब इतनी खराब हो गई है कि मंत्रियों और विधायकों से भी धन ऐंठने की कोशिश की जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर, वे देश के भीतर एक ऐसा प्रभाव क्षेत्र बनाना चाह रहे हैं, जहां से वे एक तरफ आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम बंदरगाह से लेकर नेपाल और बंगाल की सीमा तक स्वतंत्र गलियारा बना सकें। इसके साथ ही नक्सली अंतरर्राष्ट्रीय संपर्क और संबंध बनाने में जुटे हैं। इस समग्र कार्ययोजना का मतलब एक ही है कि जब मौका हाथ लगे तो नक्सली ‘‘स्वतंत्र दण्डाकारण्य’’ राष्ट्र की स्थापना कर सके। इसके लिए वे रुपए भी इकट्ठा कर रहे हैं। ‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’ के इस खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ सरकार और केन्द्र सरकार जागी और नक्सलियों के द्वारा की जा रही अवैध वसूली पर अंकुश लगाने में जुट गई।














