”छत्तीसगढ़ रिपोर्टर” का देशहित में एक और खुलासा, देश के सबसे बड़े कोयला घोटाले में केन्द्र और 5 राज्य सरकारों के हाथ काले
भागवत जायसवाल, बिलासपुर (छ.ग.)
‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’ ने 29 से 05 मई 2019 के अंक में ‘5 राज्यों के 8 कोल ब्लॉकों को अदानी के हवाले में बड़ा खेल, 1 लाख 40 हजार करोड़ से भी अधिक का घोटाला’ ‘‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’’ का देशहित में एक और खुलासा, देश के सबसे बड़े कोयला घोटाले में केन्द्र और 5 राज्य सरकारों के हाथ काले के शीर्षक से 8 पृष्ठों में खुलासा किया था। जिसमें केन्द्र और भाजपा शासित राज्य सरकारें एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए अद्भुत स्कीम के तहत सरकारी कंपनियों को आवंटित कोल ब्लॉकों को एमडीओ के जरिए एक पिछला दरवाजा भी खोल दिया जिसका भरपूर फायदा गौतम अदानी की कंपनी उठा रही है। एमडीओ यानि (माइन डेवलपर और ऑपरेटर) के तौर पर कोयला खनन, संचालन, परिवहन आदि का काम करेगी। अदानी इंटरप्राइजेस को एक-एक कर विभिन्न राज्यों जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा राज्यों में 8 कोल ब्लॉकों को एमडीओ के जरिए आवंटित किए गए हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित 7 बड़े कोल ब्लॉकों तथा उड़ीसा राज्य में स्थित 1 कोल ब्लॉक सहित 5 राज्यों के 8 कोल ब्लॉकों का कुल कोयला भंडार 3,597 मिलियन टन अदानी इंटरप्राइजेस को एमडीओ के जरिए मिला है, जिनमें से राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड परसा पूर्व केते बासन का कोयला खनन अदानी कम्पनी कर रही है, उस एक ही समान गुणवत्ता के कोयले को एसईसीएल से 400 से 500 रूपये अधिक दर पर आरआरवीयूएनएल को बेच रही है। यदि इस अंतर की राशि को कुल 3,597 मिलियन टन कोयला भंडार सेे जोड़ा जाए तो लगभग 1 लाख 43 हजार करोड़ रूपए से भी अधिक का फायदा होगा। इसके अलावा 719 मिलियन का रिजेेक्ट कोयला निकलेगा, जानकार लोगों का कहना है कि रिजेक्ट कोयला के नाम से ही हजारों करोड़ का घोटाला होगा। वहीं सरकारी कंपनियों से कोल ब्लॉक का आवंटन 100 रूपये प्रति टन की दर पर रायल्टी के रूप में ली जाती है। वहीं निजी कंपनियों को भी ई-नीलामी के जरिए आवंटन किया गया था उसमें से फरवरी 2015 में हिंडालको इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ के गारे पेलमा कोल ब्लॉक को 3,529 रु. प्रति टन एवं बालको ने चोटिया कोल ब्लॉक को 3,049 रु प्रति टन की बोली लगाई थी। यह केवल रायल्टी है, इसके अलावा कोयला खनन और परिवहन आदि का खर्च कंपनी को अलग से करना पड़ता है। इन 8 कोल ब्लॉकों का कुल कोयला भंडार 3,597 मिलियन टन है। अगर ई-नीलामी के जरिए कोल ब्लॉकों को अदानी कंपनी ने लिया होता तो 10 से 11 लाख करोड़ रूपए का राजस्व सरकार को मिलता। अदानी के लिए एक फार्मूला निकालकर कोयले की बड़ी लूट का खेल खेला गया है। यह तरीका ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाकर कोयला खनन करने एवं परिवहन के नाम पर सरकार को होने वाली मुनाफा को वंचित करना यानि जो धन सरकारी खजाने में आना था, वह निजी कंपनी के खाते में जा रहा है। मालूम हो कि 4 राज्यों में जब भाजपा की सरकारें थीं, तब यह एमडीओ हुआ था। अब छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं। अब देखना यह है कि इस बड़े घोटाले पर ये दोनों राज्य सरकारें क्या कार्रवाई करती है? देश में पहली बार राज्य सरकारों को आवंटित कोल ब्लॉकों को अदानी की निजी कंपनी को दिए जाने पर इसे देश का सबसे बड़ा कोयला घोटाला के रूप मेंं देखा जा रहा है। इन 5 राज्यों के मुख्यमंत्री और कोयला मंत्री सहित प्रधानमंत्री देश के सबसे बड़े कोयला घोटाले के छींटे से क्या बच पाएंगे? ‘छत्तीसगढ़ रिपोर्टर’ ने विभिन्न स्रोतों और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनहित एवं देशहित में एक और बड़ा खुलासा 8 पृष्ठों में किया। इस खुलासा के बाद अदानी कंपनी को एमडीओ के जरिए मिले कोल ब्लॉकों का भारी विरोध हो रहा है।