
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कोलकाता 28 मार्च 2025। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इन दिनों ब्रिटेन दौरे पर हैं। जहां बुधवार को उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल में अपने प्रशासनिक मॉडल की बात की। उन्होंने कहा कि उनका प्रशासनिक मॉडल किसी भी तरह के भेदभाव की अनुमति नहीं देता है और वह समाज के सभी वर्गों के कल्याण को प्राथमिकता देती हैं।
‘एकता ही हमारी ताकत’- ममता बनर्जी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन के दौरान ममता बनर्जी ने समावेशी विकास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज में विभाजन से नुकसान होता है और एकता हमारी ताकत है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उद्धरण देते हुए कहा कि एकता बनाए रखना मुश्किल है, लेकिन समाज को विभाजित करने में एक पल लगता है।
मैं समाज को विभाजित नहीं कर सकती- ममता
सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा कि मेरे कार्यकाल में मैं समाज को विभाजित नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि मैं कमजोर वर्गों और गरीबों की देखभाल करती हूं। हमें हर धर्म, जाति और पंथ के लोगों के लिए मिलकर काम करना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।
बंगाल की विविधिता पर दिया जोर
साथ ही सीएम ने पश्चिम बंगाल की विविधता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में लगभग 11 करोड़ लोग हैं, जिनमें 33 प्रतिशत से अधिक लोग अल्पसंख्यक समुदायों से हैं, जिनमें मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, नेपाली और गोरखा शामिल हैं और सभी लोग बिना किसी भेदभाव के सभी त्योहार मिलकर मनाते हैं।
शासन में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण की जरूरत पर दिया जोर
इसके साथ ही अंत में सीएम ममता बनर्जी ने शासन में मानव-केंद्रित दृष्टिकोण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनका मिशन यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों, महिलाओं, किसानों और श्रमिकों के साथ कोई भेदभाव न हो। ममता ने कहा कि सभी को इंसान समझकर काम करना चाहिए और अगर समाज में मानवता नहीं होगी, तो दुनिया नहीं चल सकती और नहीं टिक पाएगी।