छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रोहतक (हरियाणा) 03 मई 2022। अभी दो दिन से बिजली आपूर्ति में सुधार है। डर है कि कहीं झाड़ली का एक प्लांट खराब होकर बंद न हो जाए। गैस लीक हो रही है, जिसे ठीक करने में इंजीनियर लगे हुए हैं। प्लांट बंद हुआ तो बिजली की दिक्कत हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो अडानी पावर से 500 मेगावाट बिजली लेंगे। ये बात सोमवार को रोहतक कैनाल रेस्ट हाउस में हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कही। हरियाणा में गहराए बिजली संकट का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दो दिन से बिजली आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री की चार मई की रैली और पांच मई को टैबलेट वितरण कार्यक्रम की वजह से बिजली आपूर्ति सुचारु करने के जवाब में बिजली मंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। मुख्यमंत्री प्रदेश के हर जिले में सभाएं और कार्यक्रम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा प्रदेश में इस समय 8300 मेगावाट बिजली की मांग है, जबिक उपलब्ध 7600 मेगावाट है। इसमें पानीपत के तीन प्लांट में 750 मेगावाट, यमुनानगर के प्लांट में 720 मेगावाट, झज्जर के झाड़ली के दो प्लांट से 1140 मेगावाट, खेदड़ में 1200 मेगावाट का उत्पादन होता है और केंद्र सरकार से 3000 मेगावाट बिजली मिल रही है। गर्मी में बिजली की खपत करीब 600 मेगावाट बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार ने दादरी से बिजली आपूर्ति शुरू की तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोर्ट चले गए। उनका कहना था कि दिल्ली की बिजली हरियाणा को दी जा रही है। इस पर कोर्ट ने स्टे कर दिया। अब अडानी से 500 मेगावाट बिजली लेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल डर है कि झांडली का एक प्लांट खराबी की वजह से बंद न हो जाए।
प्लांट से गैस का रिसाव हो रहा है। यदि प्लांट बंद हुआ तो बिजली का थोड़ा संकट हो सकता है। जिस समय भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, उस समय बिजली निगम को 37 हजार करोड़ रुपये का घाटा था और अब दो हजार करोड़ रुपये का लाभ है। लाइन लॉस भी 31.17 फीसदी से घटकर 13.48 फीसदी पहुंच गया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर पलटवार करते हुए बिजली मंत्री ने कहा हरियाणा अपनी बिजली किसी को नहीं बेच रहा है। प्रदेश के बाहर बिजली पीजीसीआईएल (भारत सरकार की सहायक कंपनी) की पावर ग्रिड लाइनों से जाती है। विद्युत अधिनियम के अनुसार पावर ग्रिड एक राज्य से दूसरे राज्य में बिजली ले जाने के लिए जिम्मेदार है।
हरियाणा से बाहर बिजली को पावर ग्रिड लाइनों से आना होगा। प्रदेश ने 2008 में अडानी पावर के साथ 1424 मेगावाट बिजली खरीदने का अनुबंध किया था। अनुबंध में प्रावधान थे या तो पावर ग्रिड लाइनों से या अपनी लाइन से बिजली की आपूर्ति होगी। इसके बाद अडानी पावर ने हरियाणा सीमा पर बिजली की आपूर्ति जोड़ने के लिए लाइन बनाने का विकल्प चुना। अडानी ने 2500 मेगावाट की लाइन बनाई, जबकि हरियाणा के लिए 1424 मेगावाट का समझौता था।