छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
दुमका 12 अगस्त 2024। सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात ने रविवार को कहा है कि घरेलू और विदेशी कंपनियां दलालों के साथ मिलकर झारखंड के संताल परगना क्षेत्र में आदिवासियों की जमीन लूट रहीं हैं। वृंदा ने आरोप लगाया कि इन कंपनियों की राज्य के खनिज भंडार पर नजर है। करात ने दावा किया कि यह संताल परगना भूधारण अधिनियम का भी उल्लंघन है, जो आदिवासी भूमि की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि यहां ग्राम सभाओं की अनदेखी कर रहा है।
वृंदा करात ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नीलामी के जरिए सरकारी और निजी क्षेत्रों को कोयला ब्लॉक आवंटित किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि दलालों का आतंक इतना था कि पछुआड़ा कोयला ब्लॉक के पास रहने वाले आदिवासियों ने कंपनियों के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं की। जबकि दूसरी तरफ ईसीएल ने कोयला खनन कार्य को कई कंपनियों को आउटसोर्स कर दिया, जिन्हें न तो मजदूरों के हितों की परवाह थी और न ही निजी भूमि मालिकों के अधिकारों की।
किसानों की जमीन अधिग्रहित की लेकिन मुआवजा, पुनर्वास नहीं दिया
वृंदा ने आरोप लगाया कि ईसीएल ने किसानों की जमीन तो अधिग्रहित कर ली, लेकिन मुआवजा, पुनर्वास और नौकरी के देने के वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने दावा किया, ”नमामि गंगे परियोजना” पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद साहेबगंज शहर के पास गंगा नदी नाले में बदल गई। करात ने आशंका जताई कि अगर इसी तरह दोहन जारी रहा तो भूमिगत जल स्तर घट जाएगा।
राशन डीलरों की हेमंत सरकार को चेतावनी, कहा- कमीशन नहीं बढ़ी तो करेंगे हड़ताल
झारखंड के राशन डीलरों ने एक बार फिर कमीशन बढ़ाने का मुद्दा उठाया है। राशन डीलरों ने रविवार को बैठक के बाद सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी कमीशन बढ़ाने समेत अन्य मांगें पूरी न हुईं तो वह हड़ताल पर चले जाएंगे। रांची में फेयर प्राइस शॉप डीलर्स एसोसिएशन (एफपीएसडीए) की राज्य स्तरीय बैठक में संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनसे कमीशन बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन अब तक कमीशन में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके अलावा डीलर की मृत्यु होने क्षतिपूर्ति के आधार पर दुकान आवंटन का वादा भी पूरा नहीं किया गया।