छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 31 मई 2022। कांग्रेस ने जैसे ही राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की वैसे ही पार्टी के नेताओं का असंतोष भी सामने आने लगा। टीवी चैनलों पर पार्टी का मजबूती से पक्ष रखने वाले प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार रात को दुख जताते हुए ट्वीट किया, शायद मेरी तपस्या में कमी रह गई। हालांकि सोमवार सुबह उन्होंने फिर एक ट्वीट किया और कहा कि कांग्रेस ने उन्हें पहचान दी है। दरअसल खेड़ा ने कुछ दिन पहले कांग्रेस के असंतुष्टों पर निशाना साधते हुए कहा था कि इन नेताओं को कांग्रेस ने पहचान दी है। खेड़ा ने पार्टी के चुने गए प्रत्याशियों को शुभकामनाएं भी दीं।
वैसे खेड़ा के पहले ट्वीट को टैग कर फिल्म अभिनेत्री और पार्टी की नेता नगमा ने भी रविवार को अपना दर्द साझा किया। उन्होंने ट्वीट किया, हमारी भी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई इमरान भाई के आगे। हमारी अध्यक्ष सोनिया जी ने 2003-04 में मेरे कांग्रेस में शामिल होने के समय व्यक्तिगत रूप से वादा किया था कि मुझे राज्यसभा में मौका दिया जाएगा। तब हम सत्ता में नहीं थे। उसके बाद से 18 वर्ष हो गए लेकिन उन्हें मौका (राज्यसभा में भेजने का) नहीं मिला। इमरान को महाराष्ट्र से राज्यसभा में भेजा जा रहा है। क्या मैं कम योग्य हूं? वैसे नगमा ने भी टिकट पाए नेताओं को बधाई दी है। दरअसल सिर्फ तीन साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए 34 साल के इमरान प्रतापगढ़ी पार्टी के 10 उम्मीदवारों में शामिल हैं।
नगमा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि सलमान खुर्शीद, तारिक अनवर और गुलाम नबी आजाद की तपस्या 40 वर्षों से अधिक की है लेकिन उन्हें भी शहीद होना पड़ा। उन्होंने एक और ट्वीट किया कि योग्यता को दबाना पार्टी के लिए आत्मघाती होगा।
पार्टी बताए राजस्थान से एक भी नेता को क्यों नहीं चुना
असंतोष के स्वर राजस्थान से भी उठे जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर सवाल उठाया, पार्टी को बताना चाहिए कि राजस्थान के किसी भी कांग्रेस नेता या कार्यकर्ता को राज्यसभा प्रत्याशी नहीं बनाए जाने के पीछे क्या कारण हैं। लोढ़ा 2018 में पार्टी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़े और जीते थे। बाद में कांग्रेस को समर्थन दिया था।
गुलामों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं
लोढ़ा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा मेरे दोस्त, आपने सदन में कहा कि आप गांधी-नेहरू परिवार के गुलाम हैं और हमेशा यही रहना चाहते हैं। गुलामों को सवाल पूछने का अधिकार किसने दिया? बाहरियों को राज्यसभा टिकट दिए जाने का दर्द आपसे अधिक कोई नहीं जानता क्योंकि पार्टी ने 2018 में आपको टिकट नहीं दिया था।