कारगिल विजय दिवस की वर्षगांठ पर द्रास में समारोह का आयोजन किया गया
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 26 जुलाई 2022। कारगिल युद्ध के शहीदों को सैन्य अधिकारियों और अन्य लोगों ने द्रास सेक्टर में स्थित युद्ध स्मारक पर जा कर श्रद्धांजलि दी। 1999 में हुए कारगिल युद्ध में जवानों ने शौर्य का परिचय देते हुए कारगिल की चोटी पर कब्जा करने के पाकिस्तान के मंसूबे को विफल कर दिया था। ऑपरेशन विजय के नाम से चले इस अभियान में कई सैन्य अधिकारियों और जवानों ने बलिदान दिया था। कारगिल विजय दिवस की वर्षगांठ पर द्रास में समारोह का आयोजन किया गया। उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सेना का हर जवान देश की सुरक्षा के लिए समर्पित है। किसी भी चुनौती का सामना करने और किसी भी बलिदान के लिए सेना हमेशा तैयार हैं। सेना की वीरता और जीत के आगे पूरा देश नतमस्तक है। कारगिल विजय दिवस पर हम जवानों के बलिदान को कृतज्ञता की भावना के साथ याद करते हैं। उत्तरी कमान मुख्यालय उधमपुर में सैन्य अधिकारियों और जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
उपराज्यपाल ने कारगिल युद के वीरों को श्रदांजलि दी
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रदांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मैं हमारे अमर वीरों के मूल्य और साहस को सलाम करता हूं, जिन्होंने हमारे महान राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी। इन वीरों ने कारगिल में हमारी मातृभूमि के क्षेत्र को वापस लिया। 26 जुलाई 1999 को पूरी दुनिया ने हमारे बहादुर सैनिकों के अद्वितीय साहस को देखा, जिन्होंने असंभव चोटियों की चुनौतियों को पार करते हुए देश की ताकत का प्रदर्शन किया। मैं मां भारती के उन निस्वार्थ और समर्पित सपूतों को नमन करता हूं। मैं हमारे बहादुर वीरों के परिवारों को अदम्य साहस को भी सलाम करता हूं।