छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बीजापुर 14 जनवरी 2025। बीजापुर के दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अस्थियों को शनिवार को तेलंगाना के कालेश्वरम स्थित गोदावरी नदी में उनके बड़े भाई यूकेश चंद्राकर और पुरुषोत्तम चंद्राकर ने विधि-विधान से विसर्जन किया गया। एक जनवरी को हुई हत्या के बाद मुकेश का शव सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया था, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस जघन्य अपराध के बाद परिवार और पत्रकार समुदाय में गहरा आक्रोश है।
15 जनवरी को श्रद्धांजलि कार्यक्रम
मुकेश चंद्राकर की आत्मा की शांति के लिए 15 जनवरी को बीजापुर प्रेस क्लब में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया है और अम्बेडकर भवन में शांति भोज का कार्यक्रम किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम में पत्रकार,स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। यह घटना न केवल पत्रकारिता समुदाय बल्कि समाज के हर वर्ग को सोचने पर मजबूर कर रही है कि पत्रकारों की सुरक्षा और न्याय की लड़ाई कितनी कठिन हो गई है। अब सबकी नजरें इस मामले में होने वाली कानूनी कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
मुकेश की हत्या को लेकर प्रेस नोट जारी
बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने जारी प्रेस नोट जारी किया है। नक्सली प्रवक्ता ने कहा सड़क निर्माण की धांधलियों को छुपाने के लिए ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने पत्रकार की हत्या करवाई है। नक्सली नेता ने आगे कहा कि 2016 में भाजपा सरकार ने सुरेश चंद्राकर को 50 करोड़ के सड़क निर्माण का ठेका दिया था और 2019 में कांग्रेस सरकार ने सही कारण बताए बिना ठेके की राशि को 120 करोड़ कर दिया,उसके बाद धांधलियों को जाने बिना भाजपा सरकार ने रकम का भुगतान कर दिया।
हत्या को लेकर नक्सलियों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पत्रकारिता को दबाने के लिए सरकार डिजिटल डाटा प्रोटेक्शन बिल के नाम पर कानून बनाने की तैयारी कर रही है। नक्सली नेता ने मुकेश के हत्यारों को कठोर सजा देने की मांग करते हुए इस संघर्ष में पत्रकारों के साथ खड़े होने की बात कही है।