स्वदेशी रोबोट तैयार, करेगा घर के कई काम, मंडी आईआईटी के मार्गदर्शन में टीम को मिली सफलता

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

मंडी 23 नवंबर 2023। अब आपके घर के कई काम देश में तैयार रोबोट करेगा। बस आपको उसे निर्देश देना है। सबसे खास बात है कि इसकी कीमत भी कम होगी और अब जर्मनी, जापान और चीन से रोबोट मंगवाने की जरूरत नहीं रहेगी। जहां विदेशों में इस तरह का रोबोट करीब 32 लाख में मिलता है, जबकि स्वदेशी रोबोट की कीमत करीब 19 लाख रुपये तक होगी। दावा किया जा रहा है कि अपनी तरह का देश का पहला ऐसा रोबोट है। इस रोबोट को आईआईटी मंडी के मार्गदर्शन में पांच लोगों की टीम ने तैयार किया है। इनमें कीरत सिंह एमटेक पीएचडी, शुभम सिंह, धीरेंद्र कुशवाहा सभी प्रोजेक्ट डायरेक्टर और टीम के अन्य सदस्यों में साहिल केसरी और अदनाम अल्वी शामिल हैं। इस टीम के कई सदस्य आईआईटी मंडी के इनोवेशन हब में रिसर्चर हैं। इस रोबोट की सबसे खास बात यह है कि यह जल्दी खराब नहीं होगा, साथ ही इसकी सर्विस भी हो सकेगी। इस रोबोट को बेहतरीन तकनीक से बनाया गया है। मौजूदा समय में यह रोबोट पांच किलो तक का सामान उठाकर इधर-उधर ले जाने के अलावा वेल्डिंग और दीवार को पेंट करने का काम भी कर सकता है। हालांकि, टीम इसे और बेहतर बना रही है।

30 नवंबर तक किया जाएगा लॉन्च
प्रोजेक्ट के डायरेक्टर कीरत सिंह ने बताया कि भारत में इस तरह की तकनीक को विकसित करने के लिए वह टीम के साथ लंबे समय से प्रयासरत थे। अब उन्होंने आईआईटी मंडी, आईआईटी रुड़की के सहयोग से इस काम को पूरा किया है। कहा कि 30 नवंबर तक रोबोट को लॉन्च करने वाले हैं। उन्होंने दावा किया कि अपनी तरह का देश का पहला ऐसा रोबोट होगा।

एड फैक्टर बदल कर होंगे अलग-अलग काम
कीरत सिंह ने बताया कि चार सालों से रोबोट पर काम कर रहे हैं। पिछले तीन साल में जो रोबोट उन्होंने बनाया था, वह उद्योगों में काम करने के लिए है। पिछले डेढ़ साल से वह एक ऐसे रोबोट पर काम कर रहे थे, जो घरों में लोगों के काम कर सके। कहा कि इस रोबोट में एड फैक्टर बदलकर अलग-अलग काम किए जा सकेंगे। एड फैक्टर चेंज करके यह पांच किलोग्राम सामान को इधर-उधर ले जा सकता है। दूसरा फैक्टर चेंज करके यह वेल्डिंग करेगा और तीसरा फैक्टर बदलने पर यह दीवार पर पेंट भी कर सकता है।

क्रांतिकारी तकनीक से बचेगा लाखों का ट्रांसपोर्ट खर्च
रोबोट बनाने वाली टीम ने इस रोबोट को बहुत ही कम खर्च पर तैयार किया है। इसमें 30 से 40 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट का खर्च बचा है। वहीं, देश में इसका अपना गियर बॉक्स बनाकर लगाया तो खर्च और कम हो गया है। कम से कम दो साल तक यह खराब नहीं हो पाएगा और इसके बाद इसकी हर समय सर्विस भी मिलेगी। इसका वजन करीब 120 किलोग्राम होगा।

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