छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पटना 16 दिसंबर 2022। सारण के मशरक के आधा दर्जन गांवों में मंगलवार से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा। शुक्रवार दोपहर तक यह आंकड़ा 66 पहुंच गया। मरने वालों की सूची में शुक्रवार को पहली महिला का भी नाम शामिल हो गया। इसुआपुर माहुली की रहने वाली मंजू देवी की शराब से मौत हुई है। मौतों की पुष्टि के लिए डीएम की ओर से नोडल अधिकारी घोषित नहीं किए जाने के कारण ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। अबतक कार्रवाई के नाम पर मशरक थानेदार और चौकीदार को निलंबित किया गया है, जबकि एसडीपीओ को ट्रांसफर कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। शराब नहीं, ठंड से मौत बताने का पुलिसिया दबाव ‘अमर उजाला’ गुरुवार को सुबह ही सामने ला चुका है। अब मशरक पुलिस पर एक और आरोप लगा है कि इसके मालखाने में रखे जब्त स्पिरिट के कई ड्रम खाली हैं और इसी से शराब के धंधेबाजों ने जहरीली शराब बनाई। इस आरोप की जांच उत्पाद विभाग के मुख्य सचिव के. के. पाठक के निर्देश पर एक टीम कर रही है, हालांकि रसायन के जानकार कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि स्पिरिट पेट्रोल की तरह उड़ने वाला केमिकल है, इसलिए इसके चोरी होने की पुष्टि संभव नहीं है। डीएम से इस बारे में बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।
परिवार की बात क्या कहें, यहां तो टोले उजड़ गए
शराबबंदी के बाद से चोरी-छिपे शराब लाने, बनाने, बेचने और पीने के चक्कर में जहरीली शराब से मौतों का खेल लगातार सुर्खियों में रह रहा है। बिहार में इस तरह से कई दिनों तक मौतों का सिलसिला जारी रखने वाला यह पहला केस है। सारण जहरीली शराब कांड ने मशरक के कई परिवारों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। कई ऐसे परिवार हैं, जहां या तो अब सिर्फ महिलाएं बची हैं या कोई पुरुष बच्चा। जहरीली शराब के कारण 16 साल के किशोर तक ने जान गंवाई है। ऐसे भी परिवार हैं, जिनमें अधेड़ पिता के साथ जवान बेटे की भी मौत हो गई है। बहरौली में तो कई टोले उजड़ गए हैं। इनमें लोग अब दूसरे परिवार में किसी मौत पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, क्योंकि हरेक के घर या आसपास पहले ही किसी की मौत हो चुकी है।