छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 28 फरवरी 2021। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों से प्रतिवर्ष होने वाली धान खरीदी को हमेशा के लिए बंद करने का षड्यंत्र रच रही है।प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य भाजपा के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार को मुद्दों के आधार पर घेर नही पा रहे है तो राज्य में चल रही हितैषी योजनाओं को बंद करवाने में लग गए है।देश भर में किसान समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए आंदोलन कर रहे है ।छत्तीसगढ़ की सरकार अपने राज्य में किसानों से समर्थ मूल्य पर धान खरीदी कर रही है ।छत्तीसगढ़ के किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रति एकड़ दस हजार रु की सहायता राशि भी मिल रही है।यह बात भरतीय जनता पार्टी को नागवार गुजर रही है ।इसीलिए केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य से लिए जाने वाले सेंट्रल पुल के चावल के कोटे में कटौती कर दिया है। पहले 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति का पत्र देने के बाद केंद्र ने इस कोटे को कम कर 24 लाख मीट्रिक टन क्यो किया ?
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेता कांग्रेस सरकार के द्वारा किये गए 92 लाखमीट्रिक टन धान की खरीदी के आंकड़े को बर्दाश्त नही कर पा रहे ।जिस दिन भूपेशसरकार ने 90 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य सामने रखा उसी दिन से भाजपा के छत्तीसगढ़ से ले कर केंद्र तक का नेतृत्व इस लक्ष्य को पूरा करने में तमाम बाधा उतपन्न करने में लग गया ।पहले धान खरीदी को बाधित करने राज्य के द्वारा मांगे गए बारदाना को देने में हीलाहवाला किया गया ।जब राज्य सरकार ने जूट के बोरो की जगह पॉली बेग में धान खरीदी की व्यवस्था बनाने पर विचार शुरू किया तो मोदी मंत्री मंडल ने खाद्य सामग्री और अनाजो के पोली बेग में भंडारण पर बेन लगा दिया।राज्य सरकार ने वैकल्पिक माध्यमो से बोरा की व्यवस्था कर धान खरीदी शुरू किया तो धान खरीदी व्यवस्था बिगाड़ने के उद्देश्य से एफसीआई के द्वारा चावल जमा करने की अनुमति देने में एक महीने का बिलम्ब इसलिए किया गया ताकि खरीदी केंद्रों पर धान का उठाव न हो और धान खरीदी बाधित हो ।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रधानमंत्री और खाद्य मंत्री से बार बार आग्रह के बाद एफसीआई ने चावल जमा करने की अनुमति दे तो दिया लेकिन पूर्व में दी गयी सहमति को बदल कर सिर्फ 24 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने की अनुमति दी गयी ।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार यह सारे निर्णय राज्य भाजपा के नेताओ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कहने पर ले रहा है ताकि राज्य सरकार किसानों की भलाई के लिए जो योजनाएं चला कर लोकप्रिय हो रही है वह बन्द हो जाए। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल मुख्यमंत्री के स्पष्टीकरण के बावजूद क्यो नही मान रहे कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना धान का बोनस नही बल्कि राज्य के गन्ना मक्का धान उत्पादक किसानों को दी जा रही अतिरिक्त सहायता है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सेंट्रल पुल के चावल के कोटे में 60 लाख से 24 मीट्रिक टन कटौती के लिए नेता प्रतिपक्ष पिछले साल के तथाकथित 2 लाख टन चावल जमा नही करने की दुहाई दे रहे जबकि केंद्र ने कटौती के लिए इस कारण कभी आधार नही बताया फिर धर्म लाल कौशिक कैसे दावा कर रहे कि पिछला चावल नही जमा हुआ इसलिए कोटा कम कर दिया गया ? धान के मामले में भाजपा के नेता और उनका दोहरा चरित्र बेनकाब हो चुका है।अपनी राजनैतिक बदले की भावना को पूरा करने भाजपाई राज्य के किसान और धान को निशाना बनाने का घृणित काम कर रहे।