छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
चंडीगढ़ 10 फरवरी 2022। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले अपवित्रीकरण (बेअदबी) भी एक मुद्दा बनकर उभरा। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुई लिंचिंग के बाद यह मामला और भी ज्यादा चर्चित हो गया। ऐसे ही एक मामले में एक शख्स पिछले 46 दिनों से धरने पर बैठा है। वह अपने मृत पिता के लिए न्याय मांग रहा है। साल 2015 में पंजाब के बरगाडी में हुए अपवत्रीकरण के मामले में विरोध प्रदर्शन के दौरान सुखराज सिंह के पिता कृष्ण भगवान सिंह की मौत पुलिस की गोली लगने की वजह से हो गई थी।
सुखराज सिंह ने कहा, ‘मैं यहां पर 46 दिनों से धरना दे रहा हूं। वर्तमान सरकार ने इस मामले में न्याय देने का आश्वासन दिया था लेकिन सत्ता पाने के बाद सरकार सब भूल गई। जब मेरे पिता की मौत हुई तो मैं 21 साल का था। मैं तब कंप्यूटर इंजिनियरिंग कर रहा था लेकिन मुझे कोई नौकरी नहीं मिली क्योंकि मैं तब से न्याय के लिए भटक रहा हूं। आज घटना को साढ़े 6 साल बीत चुके हैं। हम 2015 से ही बरगाड़ी में प्रदर्शन कर रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुना में यह बड़ा मुद्दा था लेकिन इसका आजतक कोई हल नहीं निकाला जा सका।
सुखराज सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले 6 साल में कोई काम नहीं किया बल्कि केवल कोर्ट के चक्कर लगाते रहे हैं जिससे भी कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी मुलाकात की थी लेकिन उन्होंने भी कहा कि उनके हाथ में कुछ नहीं है।’ बता दें कि 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहरसिंहवाला गुरुद्वारे से गुरुग्रंथ साहिब की चोरी हो गई थी। बाद में ग्रंथ बरगाड़ी में मिला था और बहुत सारे पन्ने फटे हुए थे। इसके बाद सिख समुदाय में गस्सा उमड़ा और जगह-जगह प्रदर्शन होने लगे।इसी तरह का एक विरोध प्रदर्शन बाहीबल कलां में चल रहा था जहां प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने गोली चला दी और दो लोगों की मौत हो गई।
मिला था 90 लाख मुआवजा
इस घटना के बाद दोनों मृतकों के परिवारों को 90-90 लाख रुपये का मुआवजा मिला था। हालांकि अब वे दोषियों की सजा की मांग कर रहे हैं। सुखराज सिंह ने कहा, ‘सरकार ने पूरी मदद करने का वादा किया था लेकिन अब सरकार कोर्ट में अपना पक्ष भी ठीक से नहीं रख पा रही है। किसान आंदोलन शुरू होने के बाद हमारा धरना थोड़े दिनों के लिए बंद हो गया था। अब दोबारा धरना शुरू कर दिया गया है।