छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 02 फरवरी 2025। वक्फ (संशोधन) विधेयक की समीक्षा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट सोमवार यानि तीन फरवरी को लोकसभा में पेश की जाएगी। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है कि समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल और सदस्य संजय जायसवाल सोमवार को लोकसभा में रिपोर्ट पेश करेंगे। इससे पहले समिति ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति ने बुधवार को बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था, जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के सदस्यों द्वारा सुझाए गए संशोधन शामिल किये गए थे। जिसके बाद विपक्ष ने इस प्रक्रिया को वक्फ बोर्डों को नष्ट करने का प्रयास करार दिया। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति ने मसौदा कानून पर रिपोर्ट को 15-11 बहुमत से अपनाया गया है। बता दें कि, विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति जताई थी। भाजपा सदस्यों ने जोर देकर कहा कि पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की व्यवस्था करता है।
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, हमने रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया है। पहली बार हमने एक प्रावधान जोड़ा है कि वक्फ से मिलने वाले लाभ हाशिए पर मौजूद लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों तक पहुंचें। कल हम इस रिपोर्ट को स्पीकर को प्रस्तुत करेंगे। हमारे पास 44 धाराएं थीं, जिनमें से 14 में संशोधन के प्रस्ताव दिए गए थे। हमने बहुमत से मतदान कराया और इन संशोधनों को अपनाया गया।
दूसरी ओर, विपक्ष ने इसे मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला और वक्फ बोर्डों के कामकाज में हस्तक्षेप करार दिया है। गौरतलब है कि वक्फ अधिनियम 1995 को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए लागू किया गया था, लेकिन लंबे समय से इसमें कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों को लेकर आलोचना होती रही है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 इन चुनौतियों को दूर करने के लिए डिजिटलाइजेशन, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता में सुधार और अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के कानूनी तंत्र को मजबूत करने जैसे सुधारों प्रस्तावित करता है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ है और यह 4 अप्रैल तक चलेगा।