छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 04 दिसंबर 2024। गृह मंत्रालय की शाखा इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर ने देश में 1700 स्काईप आईडी और 59 हजार व्हाट्सएप खातों की पहचान की है, जिन्हें ब्लॉक किया जाएगा। दरअसल इन खातों का इस्तेमाल डिजिटल धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट जैसे गैरकानूनी कामों के लिए हो रहा है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने यह भी कहा कि 2021 में इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर के तहत शुरू की गई ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग को सक्षम बनाती है और इससे अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों से 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की गई है। पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 15 नवंबर, 2024 तक सरकार ने 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1.32 लाख IMEI ब्लॉक कर दिए हैं।
डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है सरकार
मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) ने भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने वाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक प्रणाली विकसित की है। कुमार ने कहा कि हाल ही में फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियों, फेडएक्स घोटाले और साइबर अपराधियों द्वारा स्पूफ कॉल का इस्तेमाल किया गया है। TSP को इस तरह की इनकमिंग अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा, इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर में एक अत्याधुनिक साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC) स्थापित किया गया है, जहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय संस्थानों, भुगतान एग्रीगेटर्स, टीएसपी, आईटी मध्यस्थों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने में तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करते हैं।