छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
इंफाल 02 जनवरी 2025। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह हाल ही में राज्य में जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगी। इस पर सीपीआई ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि सीएम सिंह का माफी मांगना काफी नहीं हैं। उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। लेफ्ट पार्टी ने कहा कि मणिपुर में चल रहे संकट ने शासन व्यवस्था के पूरी तरह से विफल होने के सच को उजागर किया है। विपक्षी दल ने कहा, ‘राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों की सुरक्षा करने और न्याय सुनिश्चित करने में असफल रही है, जिसके कारण व्यापक दुख और असुरक्षा का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा व्यक्त की गई माफी संकट की गंभीरता और राज्य सरकार की नाकामी को स्वीकार करना है कि वह राज्य के लोगों के मुद्दों और चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से विफल रही है।’
सिंह की सरकार में कोई इच्छाशक्ति नहीं दिखी: सीपीआई
सीपीआई ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मेल-मिलाप की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। समुदायों के बीच संवाद को बढ़ावा देने या जारी संकट के कारण सामाजिक चोटों को ठीक करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीरेन सिंह सरकार किसी भी राजनीतिक समाधान में पार्टियों को विश्वास में लेने या उन्हें शामिल करने को लेकर कोई इच्छाशक्ति नहीं दिखा रही है।
बीरेन सिंह दें इस्तीफा
विपक्ष ने कहा कि माफी पर्याप्त नहीं है, बीरेन सिंह को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, ‘सीपीआई दृढ़ विश्वास रखती है कि मणिपुर के लोगों को जवाबदेह और संवेदनशील शासन का हक है, जिसे मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पूरी तरह से असफल साबित हुए हैं। उनका इस्तीफा प्रशासन में विश्वास बहाल करने और संकट के समाधान के लिए एक नया, लोगों-केंद्रित दृष्टिकोण लाने के लिए आवश्यक है।’
सीएम बीरेन सिंह ने मंगलवार को मणिपुर में जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगी थी, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए थे। उन्होंने सभी समुदायों से अतीत की गलतियों को भूलकर नए सिरे से शुरुआत करने की अपील की थी।
बीरेन सिंह ने मांगी थी माफी
मणिपुर में पिछले साल मई से जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। नवंबर में मणिपुर के जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या के बाद भी बवाल हुआ। माफी मांगते हुए बीरेन सिंह ने कहा था, यह पूरा साल बेहद खराब रहा। मैं राज्य के लोगों से पिछले साल तीन मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे इसका दुख है। पिछले तीन-चार महीनों में शांति की स्थिति देखकर मुझे उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।’
क्या है मामला?
बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच हिंसा पिछले साल तीन मई को उस समय शुरू हुई थी जब मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी, जिसमें मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से राज्य में हिंसा का सिलसिला जारी है, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।