छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 09 दिसंबर 2024। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने सोमवार को कहा कि किसान न्याय की गुहार लगा रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार ने उन्हें बार-बार धोखा दिया है। साथ ही जोर देकर यह भी कहा कि किसानों से उनकी आवाज उठाने का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि किसान को बार-बार क्यों न्याय के लिए दिल्ली की दहलीज पर आना पड़ रहा है। खरगे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘आज जब हरियाणा व राजस्थान के दौरे पर होंगे, तो मुझे उम्मीद है कि आप अन्न उपलब्ध कराने वाले किसान के जद्दोजहद को समझने की कोशिश जरूर करेंगे। किसान न्याय की गुहार इसलिए लगा रहे हैं , क्योंकि बार-बार आपकी सरकार ने उन्हें धोखा दिया है।’
किसानों को क्या कुछ धोखा दिया?
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘2022 तक किसानों की आय दोगुनी न करने का धोखा, स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार इनपुट लागत + 50 फीसदी एमएसपी लागू न करने का धोखा और एमएसपी को कानूनी दर्जा देने के लिए एक समिति बनाने, लेकिन उस पर कार्रवाई न करने का धोखा।’
किसानों पर दागी लाठियां
उन्होंने आगे कहा कि न पर्याप्त खरीदी, न उचित दाम, न कानूनी गारंटी का इंतजाम, ऊपर से खाद-डीएपी व उर्वरकों की भारी किल्लत से किसान परेशान ! आपने किसानों की राह पर कंटीले तारों का जाल बिछाया, फिर से दिल्ली बॉर्डर को छावनी बनाया, आंसू गैस से उनकी शांतिपूर्ण कूच को रोकने का प्रयास किया। इससे पहले उनपर रबर बुलेट दागे और लाठियां बरसाईं।
‘शहीद किसानों की याद में मौन भी रखना मुनासिब नहीं समझा’
कांग्रेस नेता ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि यही नहीं, संसद में आपने खुद किसानों पर आंदोलनजीवी और परजीवी की अपमानजनक टिप्पणी की और 750 शहीद किसानों की याद में दो मिनट का मौन रखना भी मुनासिब नहीं समझा। इस परिस्थिति में आप और आपके कृषि मंत्री चाहे जितने भी झूठ बोल लें, अन्नदाता किसान समझ गए हैं कि आप उनके घोर विरोधी हैं। उन्होंने अंत में कहा कि किसानों से उनके आवाज उठाने का हक मत छीनिए, उनके साथ अन्याय मत कीजिए!
पहले फूल-चाय-बिस्किट से स्वागत, कूच पर अड़े तो दागे आंसू गैस के गोले
एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर रविवार दोपहर दिल्ली कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने फिर शंभू सीमा पर रोक दिया। पुलिस ने किसानों का पहले फूल बरसाकर स्वागत किया और चाय बिस्किट भी खिलाए, लेकिन कूच पर अड़े किसान जब बैरिकेडिंग पर चढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार भी की। इसमें सात किसान घायल हो गए, जिनमें चार की हालत गंभीर है। एक किसान को पीजीआईजी चंडीगढ़ रेफर किया गया है। करीब चार घंटे चले टकराव के बाद शाम करीब चार बजे किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कूच के लिए निकले 101 सदस्यीय मरजीवड़ा जत्थे को वापस बुला लिया। पंधेर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही मिर्ची स्प्रे किया और रबड़ की गोलियां भी चलाईं, जिससे किसान घायल हुए हैं। देर शाम हरियाणा व पंजाब पुलिस की किसानों के साथ बैठक हुई।
हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोले में कुछ किसानों के घायल होने के बाद आंदोलनकारी किसानों ने रविवार को दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया। किसान नेताओं ने कहा कि वे सोमवार को आगे की कार्रवाई तय करेंगे।