छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मणिपुर 05 मई 2023। मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने ‘‘गंभीर स्थिति” में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया। वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ को तैनात किया गया है। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ‘‘समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर ‘देखते ही गोली मारने’ की कार्रवाई की जा सकती है।
राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि हालात के दोबारा बिगड़ने की सूरत में कार्रवाई के लिए सेना के 14 ‘कॉलम’ को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। प्रवक्ता ने बताया कि सेना और असम राइफल्स ने आज चुराचांदपुर और इंफाल घाटी के कई इलाकों में फ्लैग मार्च किया और काक्चिंग जिले के सुगनु में भी फ्लैग मार्च किया गया।
शाह ने की बैक-टू-बैट मीटिंग
हिंसा की गंभीरता को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की और राज्य की स्थिति का जायजा लिया। शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से फोन पर बात की। मणिपुर में स्थिति की निगरानी कर रहे केंद्र ने ‘रैपिड एक्शन फोर्स’ (RAF) की कई टीम को भी भेजा है। सूत्रों ने बताया कि RAF की टीम शाम को इंफाल हवाई अड्डे पर उतरी। वहीं, गृह विभाग के एक आदेश में कहा गया कि शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं।
लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जो रात में और तेज हो गई। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 9,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि करीब 5,000 लोगों को चुराचांदपुर में सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया, वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी में और अन्य 2,000 लोगों को तेनुगोपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया था और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया।
उन्होंने बताया, “स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।” उधर, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने राज्य सरकार के अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मणिपुर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले राज्य के छात्रों को वहां से निकालने का निर्देश दिया। कोहिमा में जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि नगालैंड सरकार मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है और मणिपुर से लौटने के इच्छुक राज्य के नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की गई है।