छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 13 अप्रैल 2023। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने पिछले दिनों 10वीं, 11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम की पुस्तकों में कुछ बदलाव किए थे। अब एनसीईआरटी की नई किताब में देश के पहले शिक्षा मंत्री का जिक्र नहीं है। खबर है कि 11thवीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई किताब में मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम हटा दिया गया है। पुरानी किताब में जिस जगह पर उनके काम का जिक्र था वो हिस्सा अब नई किताब में गायब है।
नई किताब में जम्मू-कश्मीर और आर्टिकल 370 से जुड़ी कुछ जानकारियां भी हटाई गई हैं। पिछले साल एनसीईआरटी ने नई किताब में किए गए बदलावों की लिस्ट जारी की थी, तब बताया गया था कि 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस वाली किताब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। द हिंदू ने अपनी ताजा रिपोर्ट में इन बदलावों के बारे में जानकारी दी है। 11वीं क्लास की पुरानी पॉलिटिकल साइंस की किताब के पहले चैप्टर में एक पैराग्राफ था जिसमें मौलाना अबुल कलाम आजाद का संविधान को लेकर एक लेख था जिसे हटा दिया गया है।
कौन थे मौलाना आजाद
बता दें मौलाना आजाद देश के पहले शिक्षा मंत्री थे। 1946 में उन्होंने संविधान सभा के चुनावों में कांग्रेस का नेतृत्व किया था। यह वो सभा थी, जिसने भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया था। 14 साल तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य प्राइमरी एजुकेशन जैसे कई सामाजिक सुधारों में उनकी अहम भूमिका रही, वे जामिया मिलिया इस्लामिया, विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, भारतीय विज्ञान संस्थान और स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के प्रमुख संस्थापक सदस्य भी थे।
मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप भी बंद
केंद्र सरकार ने हाल ही में मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप (एमएएनएफ) बंद करने का भी ऐलान किया था। यह फेलोशिप 2009 में देश के सभी धार्मिक अल्पसंख्यक छात्रों के लिए शुरू की गई थी, उसे बंद करने की वजह बताते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 8 दिसंबर को लोकसभा में बताया था कि एमएएनएफ स्कीम केंद्र सरकार की कई दूसरी स्कीम्स से ओवरलैप हो रही थी।