छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 02 जनवरी 2023। यहां दुनिया भर में 2024 का जश्न मनाया जा रहा है। वहीं दुसरी तरफ 2023 में चंद्रमा पर विजय प्राप्त करने के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने XPoSat मिशन को अंतरिक्ष में ले जाने वाली अपनी 60वीं उड़ान पर पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के जोरदार प्रक्षेपण के साथ 2024 में प्रवेश किया। ISRO ने नए साल के पहले दिन ही दुनिया का दूसरा और देश का पहला ऐसा सैटेलाइट लॉन्च किया है, जो पल्सर, ब्लैक होल्स, आकाशगंगा और रेडिएशन आदि को स्टडी करेगा।
लॉन्च वाहन, भारत का सबसे सफल बूस्टर, एक बार फिर से उपग्रह को पृथ्वी के चारों ओर अपनी इच्छित कक्षा में भेज रहा है ताकि ब्लैक होल सहित ब्रह्मांड की कुछ सबसे रहस्यमय घटनाओं को देखना शुरू किया जा सके। दुनिया द्वारा 2024 का स्वागत करते हुए पीएसएलवी-सी58 मिशन को भारतीय समयानुसार सुबह 9:10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना किया गया है। पांच साल की लाइफ वाले एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) नाम का इस सैटेलाइट के साथ 10 अन्य पेलोड भी लॉन्च किए गए हैं। इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने मिशन के प्रक्षेपण को “सफल” उपलब्धि बताया। भारत को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए सोमनाथ ने कहा, “परिक्रमा पूरी हो गई है। हमारे पास आगे एक रोमांचक समय है।
क्या है इसरो का एक्सपोसैट मिशन ?
एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (एक्सपीओसैट) चरम स्थितियों में चमकीले खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए पोलारिमेट्री की दुनिया में भारत का पहला कदम है। एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए पोलारिमेट्री की दुनिया में भारत का पहला उद्यम है। पोलारिमेट्री ब्रह्मांड में आकाशीय पिंडों द्वारा उत्सर्जित एक्स-रे के ध्रुवीकरण के माप और विश्लेषण को संदर्भित करता है।