छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 11 अप्रैल 2023। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों की वजह से सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लेकर एक उच्च सरीय बैठक आज बुलाई। इस बैठक में कोरोना की वर्तमान स्थिति और रोकथाम के प्रबंधन की समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में अधिकारियों को कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिये हैं। सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में टेस्टिंग बढ़ाए जाने के लिए कहा है। इसके अलावा कानून-व्यवस्था की स्थिति की भी समीक्षा सीएम कर रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव, डीजीपी समेत प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बता दें छत्तीसगढ़ में बीते 24 घंटे में कोरोना के 93 नए केस मिले हैं। नए मरीजों के मिलने के साथ ही एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 511 हो गयी है। प्रदेश में सबसे ज्यादा 24 मरीज राजनांदगांव जिले से मिले हैं। इलाज की व्यवस्था और आपात स्थिति से निपटने के लिए रायपुर जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल किया है।
मुख्य सचिव भी लेंगे बैठक
इसके बाद मुख्य सचिव(चीफ सेक्रेटरी) अमिताभ जान भी एक बैठक लेने वाले हैं। यह बैठक में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण व आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में सभी संभागों के आयुक्तों, सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और सीएमएचओ के साथ होगी।
छत्तीसगढ़ में 511 एक्टिव मरीज,सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल
छत्तीसगढ़ में बीते 24 घंटे में कोरोना के 93 नए केस मिले हैं। इस तरह प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 511 हो गयी है। प्रदेश में सबसे ज्यादा 24 मरीज राजनांदगांव जिले से मिले हैं। रायगढ़ में 14, दुर्ग और धमतरी में 11-11 एक्टिव मरीज हैं। महासमुंद में 10 केस, बिलासपुर जिले से 08 केस, कांकेर में 07, सरगुजा और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 6-6, बलरामपुर में 03, बलौदाबाजार और कोरबा से 2-2। वहीं जांजगीर-चांपा और कोंडागांव में 1-1 केस मिले हैं। इलाज की व्यवस्था और आपात स्थिति से निपटने के लिए रायपुर जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल किया गया है।
इस वजह से बढ़ी चिंता
एक दिन पहले छत्तीसगढ़ में एक साथ 14 छात्र कोरोना संक्रमित मिले हैं। ये सभी मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के 2 अलग-अलग छात्रावास में रहते हैं। सभी छुट्टी पर घर गए थे। लौटने पर एहतियातन इनकी जांच कराई गई थी। जिसमें सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
बताया जा रहा है कि कोरोना की रफ्तार बढ़ने के कारण पोस्ट मैट्रिक बालिका छात्रावास और प्री मैट्रिक आदिवासी छात्रावास प्रबंधन ने बच्चों की जांच कराने का फैसला लिया था। इसके बाद इनकी RTPCR जांच कराई गई। रिपोर्ट आने के बाद सभी को होम क्वारंटाइन के लिए घर भेजा गया है।