छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 03 नवंबर 2023। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जारांगे के अनशन खत्म करने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठाओं को आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देगी, जो सुप्रीम कोर्ट में कानूनी परीक्षण में पास होगा। उन्होंने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग ने मराठा आरक्षण के लिए पहले ही काम शुरू कर दिया है। हम मराठा समुदाय के लिए इस तरह से आरक्षण की व्यवस्था करना चाहते हैं, जिससे भविष्य में कोई कानूनी अड़चन न आए। सीएम शिंदे ने कहा कि पिछले आरक्षण अधिनियम में जो भी खामियां थीं, हम उन्हें सुधारेंगे और एक बेहतर मसौदा तैयार करेंगे। मुंबई में मीडिया से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा, “मैं मराठा आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे सभी लोगों से अपना विरोध वापस लेने की अपील करता हूं। जारांगे द्वारा अपना अनशन वापस लेने की घोषणा के बाद मुझे उम्मीद है कि अन्य लोग भी इसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में अशांति और अनिश्चितता का प्रभाव आने वाले दिनों में मध्यावधि परीक्षा देने जा रहे छात्रों पर नहीं पड़ना चाहिए। सीएम ने कहा, हम बातचीत और चर्चा के माध्यम से समाधान ढूंढना चाहते हैं। मैंने मनोज जारांगे से भी यही बात कही। राज्य कड़ी मेहनत करेगा और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण प्राप्त करने का प्रयास करेगा।
मराठों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने के मामले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हर जिला कलेक्टर को पुराने रिकॉर्ड खोजने के लिए कलेक्टरेट स्टाफ के दस अधिकारियों को तैनात करने के लिए कहा जाएगा, जिसके आधार पर पात्र मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जा सके। शिंदे ने कहा कि प्रत्येक पात्र आवेदक को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र मिलना चाहिए। इसके लिए जिला कलेक्टर से पुराने रिकॉर्ड खोजने के कार्य में 10 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। सभी रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे।
उन्होंने कहा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज जस्टिस संदीप शिंदे की अध्यक्षता में राज्य सरकार द्वारा गठित समिति को पहले ही हजारों दस्तावेज मिल चुके हैं, जो कई लोगों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। शिंदे समिति ने कुछ ही समय में 13,000 से अधिक रिकॉर्ड ढूंढ लिए हैं।
बता दें, मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर अनशन करने वाले कार्यकर्ता मनोज जारांगे की एक मांग यह है कि मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाए। महाराष्ट्र में कृषक कुनबी समुदाय को पहले से ही ओबीसी श्रेणी में आरक्षण का लाभ मिलता है।
आंदोलन के दौरान हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग
इधर, वकील गुणरत्न सदावर्ते ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर महाराष्ट्र में दर्ज सभी एफआईआर सीबीआई या किसी अन्य विशेष एजेंसी को सौंपने की मांग की है। वकील गुणरत्न सदावर्ते मराठा आरक्षण के खिलाफ हैं। उन्होंने पहले ही आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
नई याचिका में सदावर्ते ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं के खिलाफ पिछले दो महीनों में दर्ज की गई 28 एफआईआर को सीबीआई को सौंपने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने हिंसा को भड़काया है, लेकिन उनके राजनीतिक संबंधों के कारण किसी भी एफआईआर में उनका नाम शामिल नहीं किया गया है। सदावर्ते ने हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए आंदोलनकारियों पर जिम्मेदारी तय करने की भी मांग की है और राज्य सरकार को उन व्यक्तियों को मुआवजा देने का निर्देश देने की भी मांग की है, जिनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।