छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 03 जुलाई 2022। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक दर्जन से अधिक आतंकवादी लॉन्च पैड फिर से सक्रिय होने की खुफिया रिपोर्ट मिली है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के खुफिया इनपुट का हवाला देते हुए बताया कि लगभग 200 आतंकवादी पीओके में इन लॉन्च पैड्स पर जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं।
सीमा पार सिखाया जाता है कैसे हो घुसपैठ
दरअसल, इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया है कि खतरे के आकलन को ध्यान में रखते हुए नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सेना की गश्त कई बार की गई है। अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए सुरंग और नदी के किनारे क्षेत्रों का उपयोग करना सिखाया जाता है।
सुरंग-नदी के क्षेत्रों से घुसपैठ की योजना
यह भी बताया जा रहा है कि इन आतंकियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) से है। अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा अपनाए गए अधिकांश मार्ग उजागर हो गए हैं, वे एक सुरंग और नदी के क्षेत्रों के माध्यम से घुसपैठ करने की योजना बना रहे हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी अब राजौरी-पुंछ मार्गों पर कोशिश कर रहे हैं।
अधिकांश प्रयास विफल किए जाते हैं
रिपोर्ट के मुताबिक पीर के दक्षिण के इलाके के एक अधिकारी ने बताया कि घुसपैठ का फोकस अब काफी हद तक पीर पंजाल के दक्षिण में चला गया है। कश्मीर घाटी में घुसपैठ अन्य मार्गों की तुलना में कम हुई है। अधिकारी ने कहा कि इस साल अब तक घाटी में नियंत्रण रेखा के पास सफल घुसपैठ के कम उदाहरण हैं क्योंकि उनके अधिकांश प्रयास विफल कर दिए गए हैं और कई आतंकवादी मारे गए हैं।
अधिकारी ने यह भी बताया कि इस साल 28 जून तक 121 आतंकवादी मारे गए और अधिकतम संख्या लश्कर (68), जेएम (29) और एचएम (16) से जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर्स की थी। जबकि विदेशी आतंकवादियों की संख्या आंकड़ों का हवाला देते हुए अधिकारी ने बताया कि 121 आतंकवादियों में से सात अज्ञात थे और एक इस्लामिक स्टेट जम्मू और कश्मीर (आईएसजेके) से संबंधित था।