छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
भोपाल 10 फरवरी 2023। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच सवाल-जवाब का खेल जारी है। शुक्रवार को शिवराज ने कमलनाथ से 14वां सवाल पूछा। कांग्रेस और कमलनाथ पर झूठे होने का आरोप भी लगाया। कमलनाथ ने राम चरित मानस की चौपाई का इस्तेमाल करते हुए शिवराज पर पलटवार किया। उन्होंने तो शिवराज को झूठ मशीन तक कह दिया। पत्रकारों से चर्चा के दौरान स्मार्ट सिटी पार्क में शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने कमलनाथ से अपना 14वां सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि सत्ता हमारे लिए साध्य नहीं साधन है। अनेकों योजनाओं के माध्यम से हम जनता की सेवा कर रहे हैं। कांग्रेस सत्ता के लिए राजनीति करती आई है। सत्ता प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाकर झूठ बोले, वादे किए, वचन दिए और फिर जवाब भी नहीं दिए। तब उनकी अकाउंटेबिलिटी क्या है, वह भी नहीं बताया। इस वजह से जनता जानें कि झूठे वादे कितने किए गए थे। कमलनाथ जी ने कहा था कि सहायक कृषि आधारित उद्योग जैसे कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी विकास के लाभ के लिए किसानों को प्रोत्साहन देने और रियायती ब्याज दर पर बैंक से पांच वर्ष का ऋण दिलाने का वचन दिया था। कांग्रेस और कमलनाथ जी बताएं कि उन्होंने सवा साल में क्या किया?
अवश्यंभावी मुख्यमंत्री पर भी बरसे शिवराज
शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी क्या कह रहे हैं, मुझे समझ में नहीं आता। वह कह रहे हैं कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। कुछ ही देर में उनके आईटी सेल ने फटाफट खंडन कर दिया। कहा कि वह तो अवश्यंभावी मुख्यमंत्री हैं। उनके बिना कांग्रेस नहीं चल सकती, दुनिया नहीं चल सकती। यह अवश्यंभावी मुख्यमंत्री क्या होता है? भूतपूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री और ज्यादा से ज्यादा कोई कह दें कि भावी मुख्यमंत्री। वह भी कल्पना की उड़ान होती है। पर यह अवश्यंभावी मुख्यमंत्री क्या है? कमलनाथ जी, इसकी परिभाषा तो बताइए। क्या आपको आपका आईटी सेल अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बनाएगा?
कांग्रेस पार्टी में गदर मचा है
शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी, आपकी पार्टी के अंदर गदर मचा है। आपके नेता कह रहे हैं कि फलाने-फलाने अजय (सिंह) और अरुण (यादव) तो बच्चे हैं। इतने साल के परिपक्व नेता, आपकी पार्टी के नेता की नजर में बच्चे हो गए तो मुझे समझ नहीं आ रहा कि सच्चे कौन हैं कमलनाथ जी? कौन सच बोल रहा है। पहले राहुल गांधीजी से आपने कहलवा दिया कि दस दिन में कर्जा माफ, नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। राहुल जी तो नहीं बदल पाए। जनता ने ही बदल दिया। यह भावी, अवश्यंभावी… यह तो बौखलाहट ही दिखाता है। वैसे ही लट्ठम-लट्ठा मची हुई है, उस पर मुझे क्या कहना?
‘भगवान से डरिये और झूठी घोषणाएं बंद करें’
कमलनाथ ने शिवराज के बयान पर पलटवार ट्विटर पर किया। उन्होंने कहा कि झूठइ लेना, झूठइ देना। झूठइ भोजन, झूठ चबेना। बोलहिं मधुर बचन जिमि मोरा। खाइ महा अहि हृदय कठोरा।। शिवराज जी, आप जैसी झूठ की मशीनों के लिए सदियों पहले रामचरितमानस में यह चौपाई लिखी गई थी। भगवान से डरिए और झूठी घोषणाएं बंद कर दीजिए। जनता को पुरानी झूठी घोषणाओं का हिसाब दीजिए। आपने भाजपा के दृष्टि पत्र में घोषणा की थी कि हम ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से प्रदेश के सिंचित क्षेत्र को अगले पांच वर्ष में दोगुना करेंगे। जनता को सच बताइए कि कितना सिंचित क्षेत्र इस कार्यकाल में बढ़ाया या सिर्फ भ्रष्टाचार ही दोगुना किया है?