छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 31 मई 2022। जब इंसान कुछ कर गुजरने के लिए ठान लेता है तो उसे कोई भी बाधा नहीं रोक सकती, बेशक वह दिव्यांग ही हो। ऐसा ही कारनामा यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा परिणाम में देखने को मिला है। दिल्ली देहात के रानी खेड़ा गांव की आयुषी डबास ने शादीशुदा, नौकरी और दिव्यांग (ब्लाइंड) होने के बावजूद वह कारनामा कर दिया, जिसे इस इलाके का कोई भी युवक एवं युवती नहीं कर सका था।
आयुषी डबास ने शिक्षा ग्रहण करने की तरह नौकरी प्राप्त करने में भी एक के एक इतिहास रचने का कार्य किया। यूपीएससी की सिविल सर्विस के सोमवार आए परिणाम में उन्होंने सामान्य वर्ग में 48वां रैंक हासिल किया। वह चौथे प्रयास में 30 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने में कामयाब हो गई। वर्तमान वह मुबारिकपुर डबास स्थित दिल्ली सरकार के स्कूल में पीजीटी है। वह वर्ष 2012 में नगर निगम के स्कूल में अनुबंध के आधार पर शिक्षक बनी थी, जबकि वर्ष 2016 में उन्होंने दिल्ली सरकार के स्कूल में स्थायी तौर पर शिक्षक की नौकरी की प्राप्त की। इसके बावजूद वह अपनी तरक्की करने में जुटी रही। वह वर्ष 2019 में दिल्ली सरकार के स्कूल में पीजीटी बनने में सफल हुई।
आयुषी डबास शिक्षक की नौकरी में तरक्की करने के प्रयास के दौरान आईएएस अधिकारी बनने की भी तैयारी में जुटी रही। उन्होंने वर्ष 2018 में आईएएस अधिकारी बनने के लिए परीक्षा देनी आरंभ की और उन्हें इस साल चौथे प्रयास में बड़ी सफलता प्राप्त की। वर्ष 1992 में जन्मी आयुषी डबास की शादी वर्ष 2019 में हरियाणा के झज्जर जिला के डीघल गांव में हुई। उनके पति आस्ट्रेलिया में नौकरी करते है और उनके पिता पंजाब में एक कंपनी में नौकरी करते है, जबकि उनकी मां दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी थी। उन्होंने अपनी बेटी की सहायता करने के लिए वीआरएस ले ली थी।
आयुषी डबास ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एसपीएम कालेज से ग्रेजुएशन (2011-2014) किया, जबकि इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएशन (2014-2016) में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया (2017-2019) से बी.एड की।
दिल्ली हवलदार की बेटी ने सिविल सर्विस परीक्षा पास की
दिल्ली पुलिस में हवलदार अजय यादव की बेटी निशा यादव भी यूपीएससी की सविलि सर्विस परीक्षा पास करने वालों में शामिल है। मूलरूप से हरियाणा के झज्जर जिला के खेड़ी खातीवास के निवासी अजय यादव परिवार समेत नजफगढ़ में रहते है और वह दिल्ली पुलिस के यातायात विभाग में चाक्यणपुरी में तैनात है। निशा यादव ने 489वां रैंक हासिल किया। उन्होंने यह सफलता दूसरे प्रयास में प्राप्त की। उन्होंने स्कूली शिक्षा नजफगढ़ स्थित दो पब्लिक स्कूलों में हासिल की थी और उन्होंने एमए करने के दौरान सिविल सर्विस की परीक्षा देने का निर्णय लिया।