भाजपा का किसान विरोधी चरित्र बार-बार और हर बार हो रहा है बेनकाब
मोदी सरकारः किसानों से वादा खिलाफी बड़े पूंजीपतियों की सरपरस्ती बेहिसाब
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने किया किसान हित में लगातार काम किया लाजवाब
15 साल तो छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार ने की थी किसानों की जिन्दगी खराब
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 01 फरवरी 2021। छत्तीसगढ़ में रिकार्ड धान खरीदी हुयी, भाजपा नेता लगातार बाधा डालते रहे, भ्रम फैलाते रहे, फर्जी बातों को लेकर किसानों को राज्य सरकार के खिलाफ भड़काया, इनकी केन्द्र सरकार बाधा डालती रही, इनको माफी भी मांगना चाहिये, शर्मिन्दा भी होना चाहिये।
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार ने किसानों से धोखाधड़ी 5 हास पावर पम्प की मुफ्त बिजली, एक-एक दाना धान की खरीदी, 2100 समर्थन मूल्य, 300 रू. बोनस उसमें पहले 270 हमेशा बोनस हर हमेशा धोखा ही किया।
ये तो अपनी ही तरह समझते थे। पहले साल जब 2500 रू. में धान खरीदी सफलतापूर्वक हो गयी। इन्होंने केन्द्र सरकार के खाद्य सचिव से पत्र जारी किया। एक रूपया समर्थन मूल्य से ऊपर दिया तो छत्तीसगढ़ के किसानों से धान से बना चावल छत्तीसगढ़ की माटी में बने एफसीआई के गोदामों में नहीं रखा जायेगा।
इस आदेश के खिलाफ सभी राजनैतिक दलों की बैठक की। जन प्रतिनिधियों की, सांसदो की, जननेताओं की किसान संगठनों की बैठके हुयी। जिनका भाजपा ने बहिष्कार किया। इस साल तो हद कर दी, मोदी सरकार ने जूट के बोरो की आपूर्ति रोक दी। विपरीत परिस्थितियो का सामना करते हुये अदम्य साहस के साथ भूपेश बघेल ने खरीदा किसानों का धान ताकि किसान, मजदूर का घर भरे रहे : समृद्ध हो छत्तीसगढ़ का मजदूर किसान।
रमन सरकार के आखरी साल के आंकड़ो पर ही नजर डाले तो भाजपा के किसान विरोधी चरित्र की पोल यही खुल जाती है। इस साल रमन सिंह सरकार ने 15 लाख 77 हजार 332 किसानों से धान खरीदा, 24,46,546.99 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीकरण किया, 19,36,008.31 हेक्टेयर रकबे का धान खरीदा, 12 लाख 6 हजार 264 किसानों से धान खरीदा। भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने 6 हजार करोड़ की राशि किसानों को अधिक मिली। 5 लाख हेक्टेयर अधिक रकबे का धान खरीदा। 5 लाख 75 हजार 143 अधिक किसानों का पंजीकरण किया। कांग्रेस ने किसानों का धान खरीदा है और भरपूर धान खरीदा है। किसानों को समर्थन मूल्य देने में देश की अग्रणी राज्य सरकारों में है कांग्रेस की भूपेश बघेल जी की सरकार। हर बरस कुछ पंजीकृत किसान की धान खरीदी नहीं हो पाती है जिसके बहुत से कारण है। कांग्रेस पर आरोप लगाने और धान खरीदी में बाधा डालने वाले रमन सिंह जी के 15 वर्षीय कुशासन के काले कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2017-18 में ही कुल पंजीकृत 15 लाख 77 हजार 332 किसानों में सिर्फ 12,06,264 किसान धान बेच पाये थे और 3,71,068 किसान की धान खरीदी नहीं हुई थी। कांग्रेस ने 2018-19 में 16,96,765 और 2019-20 में 19,55,544 और 2020-21 में 21,52,475 किसानों का पंजीकरण किया और किसानों के धान की भरपूर खरीद की है। लेकिन रमन सिंह सरकार के अकेले 1 साल के अंतिम कार्यकाल 2017-18 में 371068 पंजीकृत किसानों ने धान नहीं बेचा था। कांग्रेस सरकार के पहले कार्यकाल 2018-19 में धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 1,25,351 और दूसरे वर्ष 2019-20 में 1,16,951 और इस वर्ष 1,00,475 है जिसका कुल योग रमन सिंह सरकार के अंतिम कार्यकाल में धान ना बेच पाने वाले कुल संख्या के योग से भी कम है।
राज्य में धान विक्रय हेतु इस वर्ष पंजीकृत कृषकों की संख्या अब तक की सर्वाधिक पंजीकृत संख्या है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उर्पाजन हेतु कुल 27.92 लाख हेक्टेयर धान के रकबे का पंजीयन किया गया है, जो गतवर्ष पंजीकृत रकबे 26.86 लाख हेक्टेयर रकबे की तुलना में लगभग 1.06 लाख हेक्टेयर अधिक है। राज्य में धान का विक्रय हेतु इस वर्ष पंजीकृत रकबा, अब तक का सर्वाधिक पंजीकृत रकबा है। इस वर्ष गिरदावरी के माध्यम से लगभग 2.54 लाख नवीन किसानों के लगभग 2.44 लाख हेक्टेयर नवीन रकबे का भी पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु किया गया है। वन पट्टाधारी कृषकों से धान खरीदी खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में असर्वेक्षित, वनग्रामों के लगभग 36 हजार 890 वन पट्टाधारी किसानों का पंजीयन धान विक्रय हेतु किया गया। इनमें से लगभग 30,023 किसानों द्वारा लगभग 10.70 लाख क्विंटन धान का विक्रय किया गया। इस साल खरीदी केन्द्र की संख्या और बढ़ाकर भूपेश बघेल जी की सरकार ने सुव्यवस्थित खरीदी की। 8 लाख 38 हजार अधिक किसानों का धान खरीद सिर्फ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी ही नहीं की। भाजपा केन्द्र सरकार द्वारा धान खरीदी में अड़चनो का मुकाबला कर धान खरीदी की है।
मोदी सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की बात की। किसान को सी-टू लागत पर 50 प्रतिशत लाभ की बात की। 2022 में किसान की आय दुगुनी करने की बात की। इनमें से कुछ भी नहीं किया।जो किसान विरोधी कानून लाये है उससे इनके पूंजीपतियो मित्रो की आय दुगुनी होगी-किसान के आय दुगुनी नहीं होगी। किसान तो सड़क पर आ जायेगा। किसान सड़क पर आ भी चुका है।
सबसे महत्वपूर्ण बात :-
राजीव गांधी न्याय योजना, गोधन न्याय योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी जैसी योजनाओं के विषय में यह बात स्पष्ट करना चाहते है कि यह योजनायें सिर्फ मजदूर, किसानों, गांववालो के लिये नहीं पूरे राज्य की समृद्धि के लिये है।
उत्पादन तो खेतो में ही होता है।
एक दाने का 100 दाना हजार दाना खेत में ही बनता है। लेकिन इसका उत्पादन लाभ गांव के खुदरा दुकानदारों के माध्यम से पूरे प्रदेश के उद्योग, व्यवसाय को और शहरों में भी मिलता है। रमन सिंह सरकार जैसा एकांगी विकास नहीं भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ का सर्वागीण विकास कर रही है। गोस्वामी तुलसी दास के इस दोहे को भूपेश बघेल सही अर्थो में चरितार्थ कर रहे है।
एक दाने का 100 दाना हजार दाना खेत में ही बनता है। लेकिन इसका उत्पादन लाभ गांव के खुदरा दुकानदारों के माध्यम से पूरे प्रदेश के उद्योग, व्यवसाय को और शहरों में भी मिलता है। रमन सिंह सरकार जैसा एकांगी विकास नहीं भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ का सर्वागीण विकास कर रही है। गोस्वामी तुलसी दास के इस दोहे को भूपेश बघेल सही अर्थो में चरितार्थ कर रहे है।
मुखिया मुख सो चाहिये, खानपान को एक पाले पोसे सकल अंग तुलसी सहित विवेक
रमन सिंह सरकार ने 15 साल में खरीदा हर साल औसत 50 लाख टन धान
जितना ये खरीदते थे 5 साल में (भूपेश बघेल सरकार ने 3 साल में) खरीदा उससे भी ज्यादा धान
पिछले छः वर्षो की पंजीकृत किसान] धान बेचने वाले किसान] धान खरीदी एवं भुगतान की जानकारी | ||||||||
मात्रा क्विंटल में] राशि करोड़ में | ||||||||
खरीफ वर्ष | कुल पंजीकृत कृषक | कुल पंजीकृत रकबा | बेचे गए धान का रकबा | धान बेचने वाले किसानों की संख्या | धान बेचने वाले किसानों की प्रतिशत | कुल धान उपार्जन की मात्रा | कुल भुगतान राशि | |
भाजपा की रमन सिंह सरकार का आखरी साल | 2017-18 | 15,77,332 | 24,46,546.99 | 19,36,008.31 | 12,06,264 | 76.4 | 5,68,89,388.92 | 10,597.76 |
कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार | 2018-19 | 16,96,765 | 25,60,572.67 | 21,72,440.8 | 15,71,414 | 92.6 | 8,03,80,309.53 | 20,095.08 |
2019-20 | 19,55,544 | 26,88,111.95 | 22,68,808.11 | 18,38,593 | 94.02 | 8,39,45,900.14 | 20,986.48 | |
2020-21 (29.01.2021) | 21,52,475 | 27,61,871.9 | 24,65,270.98 | 20,44,136 | 94.95 | 9,12,02,952.40 | 16,872.25 (अनुमानित) |