छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 13 फरवरी 2023। जहां मशीनें असफल हो गईं, वहां भारत के दो स्निफर डॉग्स ने कमाल कर दिया है और छह साल की बच्ची की जान बचा ली। भूकंप से तुर्किये में हुई भारी तबाही के बीच दुनिया के कई देशों के जवान तुर्किये और सीरिया में राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। भारत की तरफ से भी एनडीआरएफ का दल राहत और बचाव कार्यों में जुटा है। इस दल के साथ स्निफर डॉग्स भी तुर्किये भेजे गए हैं। इन्हीं स्निफर डॉग्स में से दो डॉग्स ने मलबे में दबी छह साल की बच्ची की जान बचाई है। जिसके लिए इन दोनों डॉग्स की खूब तारीफ हो रही है।
खबर के अनुसार, एनडीआरएफ की एक टीम तुर्किये के नुरदागी इलाके में राहत और बचाव कार्यों में जुटी है। इसी दौरान एनडीआरएफ के स्निफर डॉग जूली ने मलबे में एक जगह भौंकना शुरू कर दिया। एनडीआरएफ के जवान समझ गए कि जूली को मलबे में किसी जिंदा व्यक्ति के संकेत मिले हैं। इसके बाद दूसरे डॉग रोमियो को भी उसी जगह भेजा गया तो उसने भी भौंकना शुरू कर दिया। इसके बाद एनडीआरएफ के जवानों को पता चल गया कि यहां कोई जिंदा व्यक्ति मलबे में फंसा हुआ है। इसके बाद जवानों ने उसी जगह सावधानी से मलबा हटाना शुरू किया तो छह साल की बच्ची वहां से जीवित मिली। बच्ची की पहचान छह साल की बेरेन के रूप में हुई है। फिलहाल बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।
बीती 6 फरवरी को तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप में अब तक 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भूकंप के तुरंत बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर एनडीआरएफ की दो टीमें सभी जरूरी उपकरणों और चार स्निफर डॉग्स के साथ तुर्किये में राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजे गए थे। भारतीय सेना के जवान भी तुर्किये भेजे गए हैं, जहां वह एक फील्ड अस्पताल बनाकर भूकंप प्रभावितों का इलाज कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर एनडीआरएफ द्वारा एक छह साल की बच्ची की जान बचाने के लिए एनडीआरएफ की तारीफ की है।