छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बीजिंग 27 नवंबर 2022। चीन में कोरोना खतरनाक होता जा रहा है। यहां आए दिन नए संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने एक बार फिर से जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर दी है और कई शहरों के लाखों लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया गया है। इस बीच सरकार की सख्त नीति से परेशान लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। जानकारी के मुताबिक, चीन के शंघाई में शनिवार को कई प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए और जीरो कोविड पॉलिसी वापस लेने की मांग की। दरअसल, इस प्रदर्शन की शुरुआत चीन के उरुमकी शहर में एक इमारत में आग लगने के बाद हुई, जिसमें 10 लोगों की जलकर मौत हो गई और नौ लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि यहां जीरो कोविड पॉलिसी लागू होने के कारण राहत कार्य में देरी हुई, जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया।
प्रदर्शन के कई वीडियो आए सामने
चीन में सरकार की सख्त नीति का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के कई वीडियो भी सामने आए हैं। एक वीडियो के मुताबिक उरुमकी शहर की सड़कों पर कई लोग दिखाई दे रहे हैं और ये लोग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा लोग कह रहे हैं कि उन्हें पीसीआर टेस्ट नहीं चाहिए, उन्हें आजादी चाहिए। वे झिनजियांग शहर में लॉकडाउन वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
2019 के बाद सबसे अधिक मामले
24 नवंबर को चीन में 31,444 नए मामले दर्ज किए गए थे। वहीं दूसरे दिन 32,943 तो तीसरे दिन यानी शुक्रवार को 35,909 मामले सामने आए। चीन के वुहान शहर में 2019 में सामने आए संक्रमण के पहले मामले के बाद देश में सामने आए ये सबसे अधिक दैनिक मामले हैं। देश में संक्रमण के दैनिक मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
कई इलाकों में आवाजाही पर लगी रोक
अमेरिका और अन्य देशों की तुलना में चीन में संक्रमण से मौत के कम मामले सामने आए हैं, लेकिन फिर भी देश की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने वायरस को लेकर कोई भी कोताही न बरतने की नीति अपना रखी है, जिसके तहत मामलों की संख्या देखते हुए इलाकों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई जाती है।
चीन के चाओयांग में 35 लाख लोग घर में कैद
स्वास्थ्य अधिकारियों की अपील के बाद 35 लाख लोग घर में कैद हो गए हैं। लोगों को घर पर ही सारी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। कई जगह कैंप लगाकर जांच बढ़ा दी गई है। बीजिंग में इस सप्ताह एक प्रदर्शनी केंद्र में अस्थायी अस्पताल बनाया गया और बीजिंग इंटरनेशनल स्ट्डीज यूनिवर्सिटी में भी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया।