छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जयपुर 11 जुलाई 2020। राजस्थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों के आरोप के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगाया है, गहलोत ने शनिवार को अपने आरोप में कहा कि बीजेपी राजनीति कर रही है और मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि विधायकों को अपनी निष्ठा बदलने के लिए 10 से 15 करोड़ रुपये तक की पेशकश की जा रही है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि पूरा देश जाने की बीजेपी अब अपनी सारी सीमाएं पार कर रही है, वह मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। 51 मिनट से अधिक समय तक चली इस प्रेस वार्ता में जब सीएम से एसओजी की कार्रवाई पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संबोधन की कुछ महत्वपूर्ण बातें –
1. कोरोना से जंग में हमने सब को साथ लेकर काम किया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी साथ में लिया लेकिन बीच-बीच में वो कई तरह की टिप्पणियां करते रहे लेकिन हमने बुरा नहीं माना। लेकिन बीजेपी के लोगों को समझना पड़ेगा कि ये महामारी है, कोविड नहीं देखता की वो कांग्रेस का है या बीजेपी का।
2. दुर्भाग्य है कि बीजेपी वालों को समझ में नहीं आ रहा है, बीजेपी के नेताओं ने मानवता की सारी हदें तोड़ दी हैं। एक तरफ तो हम जीवन बचाने में लगे हैं दूसरी तरह वे सरकार गिराने में लगे हैं।
3. मुझे, मेरे मंत्री, विधायकों को सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हमारा ध्यान पूरी तरह से कोरोना की जंग पर होना चाहिए। हम उसी में लगे रहते हैं। लेकिन ये लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़-फोड करें, खरीद-फरोख्त करें, इन तमाम काम में लगे हुए हैं।
4. बीजेपी के नेताओं को इतना अहम, घमंड आ गया है, अहंकार है कि खुलकर देश के सामने आ गए हैं। धर्म के नाम पर, जाती के नाम पर, लोकतंत्री की हत्या करने में लगे हैं। फासिस्ट इनकी सोच है। हालांकि उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी के समय ऐसा नहीं था। विभिन्न प्रदेशों में इन्होंने जब जब मौका मिला, वहां कांग्रेस की सरकार नहीं बनने दी। अरुणाचल प्रदेश में हमारे विधायकों की संख्या 60 में से 42 थी। सारे विधायकों खरीद लिया, हमारी सरकार बदलवा दी। एक पूर्वी मुख्यमंत्री को तो सुसाइड करना पड़ा। इन लोगों के कारण से। उतराखंड में भी लालच देकर बीजेपी में ले जाया गया।
5. महाराष्ट्र में तो कमाल ही हो गया, जब सरकार बनी, बहुमत नहीं था लेकिन शपथ दिला दी गई। मोदी जी ने भी सुबह 7 बजे शपथ लेते ही बधाई का ट्वीट कर दिया। मध्य प्रदेश में सबको मालुम है क्या हुआ। कांग्रेस का पांच साल नेताप्रतिपक्ष रहे पाटिल को चुनाव से दो महीने पर बीजेपी में शामिल करवा दिया। मंत्री बना दिया गया।
6. यहां गहलोत ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि गुलाबचंद कटारिया की ऐसी सोच नहीं होगी। वो आरएसएस के काठी नेता हैं। बीजेपी के बहुत सीनियर नेता है और न हम उनको लेने वाले हैं। गुलाबचंद काटारिया जैसे नेताओं के लिए कांग्रेस में जगह नहीं है।
7. ये सतीश पूनिया हों, राजेंद्र राठौड हों, ये जिस प्रकार का खेल अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर खेल रहे हैं, सरकार को गिराने के लिए, जनता समझ गई है। और किस प्रकार से कभी एडवांस में लो 10 करोड़ रुपए, सरकार गिर जाएगी तो आपको फिर आपको देंगे 15 करोड़ रुपए। पता नहीं ये कैसी-कैसी बातें फैला रहे हैं, वादे कर रहे हैं, कोई सोच नहीं सकता।
8. बहुत करीबी है तो कहेंगे आपके लिए एक्स्ट्रा ध्यान रख लेंगे, इसका मतलब एक्स्ट्रा मदद कर देंगे। जिस प्रदेश में आज तक इसतरह की परम्परा कभी नहीं। अन्य प्रदेशों में हुई, वैसी कभी राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग नहीं हुई।
9. बीएसपी को हमने मिलाया इसको लेकर कमेंट करते हैं, तो बीएसपी पूरी मर्ज हुई है हमारे यहां। कोई हॉर्स ट्रेडिंग नहीं हुई। कानून कहता है कि किसी पार्टी को दो-तिहायी बहुमत है और वह अलग होना चाहे तो हो सकता है। जिस रूप में इन्होंने जो खेल खेला है, वो सब के सामने है। राजस्थान के अंदर एक माहौल ऐसा बनाया गया है कि जिस प्रकार एमपी में घटनाएं हुई है। उसी प्रकार से राजस्थान में खेल खेलना। क्यों कि राजस्थान में अच्छी परम्परा रही है, जनता का आदेश सिरोधारिय होता है। हमारे यहां विधायकों ने इस्तीफे नहीं दिए। बकरा मंडी में जिस तरह से बकरे बिकते हैं, उस ढंग से आप खरीदकर राजनीतक करना चाहते हो तो ये इनकी बेशर्माई की हद है। ये इतने बेशर्म लोग है इतने तिगड़मी लोग है कि गुजरात में 7 विधायकों को खरीद लिया, 2 सीटें जीत ली तो उसी में गर्व महसूस करते हैं। राजस्थान में हमने इनकी चाल चलने नहीं दी। इनको सबक सिखाया, लेकिन मानने वाले कहां है, ये तिगड़ी लोग है बेशर्मी लोग है। वापस असली चेहरे पर आ रहे हैं।
10. ये लोग वो है जो आज लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, लोगों को डरा रखा है, धमका रखा है। बोलने पर कतराते हैं, फोन पर बात करते वाट्सएप पर बात करते हैं। अब तो लोग बात करने से डरते हैं। एजेंसियों को मिसयूज कर रहे हैं। सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स। मेरा मानना है कि ये चाहे कुछ भी कर ले। ये गवाह है देश, इंदिरा गांधी के वक्त से देख रहा हूं। जनता को जब भी मौका लगा है सत्ता का तख्ता पलटने में देरी नहीं की। आज मोदी जी को अमित शाह को धमंड है, ये जनता समय आने पर चकनाचूर कर देगी। कोरोना के मैनेजमेंट की चर्चा पूरे देश में है। ये मेरे लिए नहीं पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उस माहौल में सरकार को गिराने का प्रयत्न करना, उसको जनता कभी माफ नहीं करेगी। सबक सिखाएगी। धन्यवाद।