छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कोलकाता 08 अक्टूबर 2024। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई भयावह घटना को लेकर आज भी देशभर में गुस्सा है। न्याय और कार्यस्थल की सुरक्षा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर सड़कों पर हैं। उन्होंने दुर्गा उत्सव के बीच मंगलवार को लगातार चौथे दिन अपना अनशन जारी रखा। इसके अलावा, करीब 15 वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी भूख हड़ताल कर एकजुटता दिखाई। वरिष्ठ डॉक्टरों ने मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में डोरिना क्रॉसिंग पर सुबह नौ बजे अपनी भूख हड़ताल शुरू की, जहां पहले से ही अन्य चिकित्सक अनशन पर बैठे हुए हैं। दुर्गा पूजा का उत्सव शुरू हो गया है और मंगलवार को पंचमी है। वहीं, आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कार्यस्थल पर सुरक्षा सहित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शाम करीब साढ़े चार बजे कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक रैली निकालने की योजना भी बनाई।
यह लोग अनिश्चितकालीन अनशन पर
बता दें, आरजी कर अस्पताल के अनिकेत महतो, कोलकाता मेडिकल कॉलेज के स्निग्धा हाजरा, तनया पांजा और अनुस्तुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम अस्पताल के अर्नब मुखोपाध्याय, एनआरएस मेडिकल कॉलेज के पुलस्थ आचार्य और केपीसी मेडिकल कॉलेज के सायंतनी घोष हाजरा अनशन में बैठे हैं।
क्या बोले मुख्य सचिव पंत?
मुख्य सचिव मनोज पंत ने सोमवार को डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया। साथ ही कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में चल रही 90 प्रतिशत परियोजनाएं अगले महीने तक पूरी हो जाएंगी। उन्होंने राज्य सचिव से कहा, ‘मैं सभी से अनुरोध कर रहा हूं कि वे काम पर वापस आएं और लोगों का इलाज करें। हम सभी पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टर इस बात की सराहना करेंगे कि सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने में बहुत अच्छी प्रगति हुई है।’
पुलिस पर लगाया आरोप
जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस पर सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि शहर के धर्मतला इलाके में डोरिना क्रॉसिंग के पास विरोध स्थल पर उन्हें पुलिस ने जैव-शौचालय रखने की अनुमति नहीं दी।
डॉक्टरों ने सीसीटीवी कैमरे लगाए
वहीं, जिस जगह पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है वहां पारदर्शिता बनाए रखने के लिए डॉक्टरों ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। धरने पर बैठे डॉक्टरों का साथ देने के लिए बड़ी संख्या में लोग और कुछ हस्तियां मौके पर पहुंचे। गौरतलब है, जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को पूरी तरह से काम बंद करने का एलान किया था। इससे राज्य संचालित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि पीड़िता डॉक्टर के लिए न्याय हासिल करना ही उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने के साथ-साथ जवाबदेही तय करने का भी आह्वान किया।