छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 14 जनवरी 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस के समारोह में भाग लिया और ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मकर संक्रांति को अपना पसंदीदा त्योहार बताया। उन्होंने कहा कि मैं गुजरात का रहने वाला हूं। मेरा सबसे पसंदीदा त्योहार मकर संक्राति हुआ करता था। आज गुजरात के सभी लोग छत पर ही होते हैं। पूरा दिन का मजा करते हैं। मैं भी कभी वहां रहता था, तो बड़ा शौक था, पर आज मैं आपके बीच में हूं। उन्होंने कहा कि आज सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य धीरे-धीरे उत्तर की ओर स्थानांतरित होता है। हमारे यहां भारतीय परंपरा में इसे उत्तरायण कहा जाता है। खेती-बाड़ी के लिए तैयारियां शुरू हो जाती हैं और इसलिए ये दिन भारतीय परंपरा में इतना अहम माना गया है। उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक रंगों में इसे मनाया जाता है। मैं इस अवसर पर सभी देशवासियों को, मकर संक्रांति के साथ जुड़े अनेक विद् पर्वों की भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम भारतीय मौसम विभाग यानी IMD के 150 वर्ष मना रहे हैं। ये केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा नहीं है, ये हमारे भारत में आधुनिक साइंस और टेक्नोलॉजी की भी यात्रा है। आईएमडी ने न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक यात्रा का भी प्रतीक बना है।
‘अनुसंधान और नवाचार नए भारत के स्वभाव का एक हिस्सा’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘किसी भी देश के वैज्ञानिक संस्थानों की प्रगति विज्ञान के प्रति उसकी जागरूकता को दिखाती है। वैज्ञानिक संस्थाओं में अनुसंधान और नवाचार नए भारत के स्वभाव का एक हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 वर्षों में IMD की आधारभूत संरचना और तकनीक का भी अभूतपूर्व विकास हुआ है। भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे, भारत एक क्लाइमेट स्मार्ट राष्ट्र बने इसके लिए हमने ‘मिशन मौसम’ भी लॉन्च किया है। मिशन मौसम टिकाऊ भविष्य और भविष्य की तत्परता को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।’
‘मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता का सबसे जरूरी सामर्थ्य’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता का सबसे जरूरी सामर्थ्य होता है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम से कम करने के लिए हमें मौसम विज्ञान की कार्यकुशलता को अधिकतम करने की आवश्यकता होती है। भारत ने लगातार इसकी अहमियत को समझा है। आज हम उन आपदाओं की दिशा को मोड़ने में कामयाब हो रहे हैं जिन्हें पहले नियति कहकर छोड़ दिया जाता था।’
‘विश्व में भारत को लेकर भरोसा भी बढ़ा’
उन्होंने कहा कि हमारी मौसम संबंधी प्रगति के साथ हमारी आपदा प्रबंधन क्षमता का निर्माण हुआ है। इसका फायदा पूरी दुनिया को मिल रहा है। आज हमारा फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका को भी मदद दे रहा है। हमारे पड़ोस में कहीं कोई आपदा आती है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए उपस्थित होता है। इससे विश्व में भारत को लेकर भरोसा भी बढ़ा है। दुनिया में विश्व बंधु के रूप में भारत की छवि और भी मजबूत हुई है।
प्रधानमंत्री ने ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर देश को प्रत्येक मौसम और जलवायु का सामना करने के लिए ‘स्मार्ट राष्ट्र’ बनाने के मकसद से ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की। राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में आयोजित समारोह में शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री ने आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस पर एक स्मारक सिक्का और मौसम संबंधी अनुकूलता और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए आईएमडी विजन-2047 दस्तावेज भी जारी किया। इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन शमन की योजनाएं शामिल हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में आईएमडी की उपलब्धियों पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।