छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायगढ़ 17 नवंबर 2022। छत्तीसगढ़ में उत्पात मचाने वाले हाथियों को धान के बाद नया स्वाद लग गया है। प्रदेश के बॉर्डर से लगे ओडिशा के गांव में प्रवेश करते ही हाथियों ने जमकर महुए का मजा लिया। उसका गूदा खाने के बाद कई हाथी मदहोश हो गए। वे काफी देर तक नशे में झूमते रहे और फिर सो गए। वहीं वन विभाग के अफसरों ने इस खतरनाक भी बताया है। उनका कहना है कि नशे की हालत में हाथी और उग्र हो सकते हैं। ऐसे में उनकी चिंता बढ़ गई है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से लगती ओडिशा की सीमा में मंगलवार सुबह 24 हाथियों के एक दल ने प्रवेश किया। यह हाथी क्योंझर जिले के पटना रेंज स्थित ग्राम सिलीपाड़ा पहुंच गए। वहां शनिवार देर शाम कई हाथी कच्चे महुए के भंडार में घुस गए और जमकर गूदा खाया। इसके बाद हाथी नशे में झूमने लगे। इनमें से पांच हाथी तो नशे में इतने बेसुध हो गए कि वहीं जमीन में पड़कर सो गए। इसका पता वन विभाग को सुबह चला।
ओडिसा के वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि हाथियों ने सिलीपाड़ा गांव के पास काजू के जंगल में डेरा डाला हुआ था। सुबह वनकर्मी पहुंचे तो पता चला कि हाथियों ने महुए का गूदा खाया था। इसके बाद काफी देर तक वे सोते हुए मिले। वहीं अन्य हाथी उनके आसपास पहरा दे रहे थे। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग महुआ की लुगदी अवैध रूप से तैयार करते हैं। इसी का भंडारण किया गया था, जहां हाथियों का दल पहुंच गया। क्योंझर के डीएफओ धनंजय एचडी ने बताया कि इस इलाके में बीते दो साल से हाथियों की आवाजाही है। वर्तमान में यहां 24 जंगली हाथी घूम रहे हैं। कुछ इलाकों में इनके आने पर विभाग नजर रख रहा है। उनका कहना है कि लगातार चार दिन से हाथियों का दल आसपास के गांवों में भी पहुंच रहा है। इसलिए वन कर्मचारी उनकी लोकेशन पर नजर रख रहे हैं। हालांकि नशे में धुत हाथी उत्पात मचाते हैं तो यह चार गुना बढ़ सकता है।