छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
भोपाल 24 सितंबर 2022। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के मस्जिद जाने से एक नई बहस शुरू हो गई है। कट्टर हिंदू सोच वाले आरएसएस प्रमुख ने ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख डॉ. उमर इलियासी से एक घंटे मुलाकात की। इसके बाद इलियासी ने भी भागवत को देश का राष्ट्रपिता तक बताया। भागवत के मस्जिद जाने को कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा का असर बताया है। वहीं, एमपी में भी बीजेपी का मुस्लिमों के प्रति कथित प्रेम उमड़ पड़ा है। आरएसएस प्रमुख के मस्जिद और मदरसा जाने को लेकर प्रदेश में सियासत जमकर जारी है। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उनकी सोच शुरू से ही साफ है। मुसलमान से बैर नहीं और आतंकियों की खैर नहीं। अब आरएसएस की यह पहल कांग्रेस को समझ में नहीं आ रही है। इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा भारत जोड़ा यात्रा का असर है कि भागवत जी मस्जिद और मदरसा गए। यह देश सबका है, इसी भावना से यदि RSS काम करे तो हमें उनसे क्या आपत्ति होगी?
बिलकिस बानों को न्याय दिलवाएं
दिग्गी ने आगे कहा कि यदि अब मोहन भागवत आप अखलाक के परिवार से भी मिलें, बिलकिस बानो को भी न्याय दिलवाएं। बलात्कारियों का सम्मान करने वालों के खिलाफ बयान दें। जहां-जहां निर्दोष मुसलमानों को आपके कार्यकर्ताओं ने सताया है, उनसे माफी मांगे उन्हें न्याय दिलवाएं तो हमें भरोसा होगा कि RSS की सोच में फर्क आ रहा है। अन्यथा आपका मदरसा मस्जिद जाना केवल दिखावा होगा। यह कहावत है न हाथी के दांत दिखाने के और होते हैं और खाने के और होते हैं।
शिक्षित मुस्लिमों में बैठ बनाने की कोशिश
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी का कहना है कि राष्ट्रवादी मुस्लिमों को खुद से जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगातार प्रयास करता आया है। मध्यप्रदेश में अगले साल यानि 2023 में विधानसभा चुनाव है। हर राजनीतिक दल की तरह भाजपा भी इस प्रयास में है कि उसका वोट प्रतिशत और सीटें बढ़ें। प्रदेश में मुस्लिम वोट प्रतिशत अन्य बड़े राज्यों जितना तो नहीं है पर हां, कुछ सीटें लगातार कांग्रेस के मुस्लिम नेता जीतते चले आ रहे हैं तो कुछ सीटों पर मुस्लिम वोट चुनाव परिणाम को प्रभावित करते हैं।
ऐसे में भाजपा इस वोट बैंक में सेंध लगाने और शिक्षित मुस्लिमों के बीच पैठ बनाने की कोशिश करती नजर आ रही है। कुछ महीने पूर्व हुए नगरीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी और ओवैसी की पार्टी की कुछ स्थानों पर जिस तरह मजबूत स्थिति दिखी है। वह आगामी विधानसभा चुनाव के दिलचस्प होने की ओर इशारा करती है।
प्रदेश में 8 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता
प्रदेश में प्रदेश में 8 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है। यहां पर दो दर्जन सीट मुस्लिम बाहुल सीटें है। जबकि करीब 12 सीटों पर मुस्लिम निर्णायक भूमिका में हैं। 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव और इसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव है। ऐसे में मोहन भागवत का मस्जिद जाना बीजेपी को फायदा सकता है। यहीं कारण है कि अब इस मुद्दे पर प्रदेश में सियासत तेज है।