छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 04 जून 2022। जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के जरिये दबाव बनाने की आतंकी साजिश का सरकार मुंहतोड़ जवाब देगी। आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक में विस्तृत रणनीति तैयार की गई। लक्षित हत्याओं की बढ़ती घटनाओं के कारणों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। वहीं, देर रात इसके नतीजे भी दिखने लगे। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर निसार खांडे को मार गिराया। इस दौरान सेना के तीन जवान व एक नागरिक घायल हो गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तय रणनीति के तहत सरकार ने कश्मीरी पंडितों सहित गैर कश्मीरियों के पलायन को हर हाल में रोकने के लिए आठ सुरक्षित जोन बनाने और बड़े आतंकियों की तरह अब भाड़े के आतंकियों के पूर्ण सफाए की योजना बनाई है। जरूरत पड़ने पर कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किया जाएगा। नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक में शाह के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख मनोज पांडे, राष्ट्रीय जांच एजेंसी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख मौजूद थे।
विकास से निराश हैं आतंकी संगठन
सूत्रों का कहना है कि अनुच्छेद 370 व धारा 35-ए के खात्मे के बाद राज्य से सभी बड़े आतंकियों का सफाया हो गया है। अब 150 स्थानीय व विदेशी आतंकी ही बचे हैं। सरकार सही दिशा में बढ़ रही है, इसलिए बिना दबाव में आए स्थिति का सख्ती से मुकाबला किए जाने की जरूरत है।
बड़े आतंकियों के सफाए और राज्य में बढ़ती व्यापारिक विकास की गतिविधियों से निराश आतंकी संगठन अब नए युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनके जरिये लक्षित हत्याओं को अंजाम देकर आतंकी संगठन बदलाव की बयार को खत्म करना चाहते हैं।
शोपियां में बम फेंका, दो गैरकश्मीरी घायल
शोपियां के अगलार जैनपोरा में शुक्रवार रात आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका। इसमें दो गैरकश्मीरी घायल हो गए। सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। तब तक आतंकी फरार हो गए। आतंकियों ने बृहस्पतिवार को एक बिहारी श्रमिक की हत्या कर दी थी।
अमरनाथ यात्रा तय कार्यक्रम से
अमरनाथ यात्रा को निर्धारित कार्यक्रम के तहत ही जारी रखने का फैसला हुआ। यात्रियों का डिजिटल फुटप्रिंट तैयार करने के लिए आईटी मंत्रालय को कहा गया है। वाहनों को भी आरएफआईडी दी जाएगी।
किर्मयों का जम्मू स्थानांतरण नहीं
सूत्रों ने बताया कि बैठक में इस बात पर सहमति थी कि पीएम पैकेज के तहत घाटी में तैनात कर्मचारियों को जम्मू नहीं भेजा जाएगा बल्कि दूसरी सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया जाएगा।