छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 29 अप्रैल 2022। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर देश को गुमराह नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने मांग की कि केंद्र को पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले उपकर (सेस) को समाप्त करना चाहिए। बघेल ने गुरुवार को विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा शासित राज्यों को पहले ईंधन पर वैट कम करना चाहिए। बघेल ने कहा, “बढ़ती कीमतों के लिए राज्यों को दोषी ठहराया जा रहा है। आप दिन-ब-दिन दरें क्यों बढ़ा रहे हैं? 12 दिनों में पेट्रोल की कीमतों में 10 रुपये की बढ़ोतरी की गई। प्रधानमंत्री को देश को गुमराह नहीं करना चाहिए।”
मुख्यमंत्री से बातचीत में जब संवाददाताओं ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा वैट कम करने के प्रधानमंत्री के आह्वान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ‘भारत सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें लगातार बढ़ा रही है। रसोई गैस में तो वैट नहीं लगता है उसका रेट क्यों बढ़ रहा है। अभी जो खाने का तेल है उसका रेट लगातार क्यों बढ़ रहा है। यह आम आदमी को बहकावे में लाने जैसी बात है कि महंगाई हमारे कारण नहीं राज्यों के कारण बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान पेट्रोलियम पदार्थों पर सेस खत्म करने की मांग की। बघेल ने कहा, “छत्तीसगढ़ में पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट की दर अन्य राज्यों से कम है।” उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ 23-24 फीसदी वैट वसूलता है, जबकि कई अन्य राज्य 29 से 31 फीसदी की दर से वैट वसूलते हैं। भाजपा शासित राज्य को पहले (वैट) कम करना चाहिए, वे (केंद्र) दरों में वृद्धि करते हैं और राज्यों को कम करने के लिए कहते हैं। उन्हें पहले सेस खत्म करना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने आगे पूछा, अगर रसोई गैस पर वैट नहीं लगाया गया है तो रसोई गैस के दाम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं? खाद्य तेल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों से ‘राष्ट्र हित’ में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने तथा वैश्विक संकट के इस दौर में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने की अपील की थी।