छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 15 मार्च 2022। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान एक किसान की मौत को लेकर जमकर हंगामा किया। दरअसल, नई राजधानी के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक किसान की मौत हो गई थी। भाजपा ने विधानसभा में किसान की मौत का मुद्दा उठाया और कांग्रेस सरकार पर पिछले तीन वर्षों से किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। भाजपा विधायकों ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस पेश कर चर्चा की मांग की। जब अध्यक्ष ने विपक्ष की मांग को अस्वीकार कर दिया तब विपक्षी सदस्यों ने हंगामा कर दिया, जिससे सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नवा रायपुर अटल नगर के 27 गांवों के किसान पिछले 70 दिनों से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के पास उनसे मिलने और उन्हें सुनने का समय नहीं है।
भाजपा विधायकों ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने किसानों (नवा रायपुर परियोजना से प्रभावित) से उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन अब वह उनकी दुर्दशा पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि एक किसान सियाराम पटेल (68) की 11 मार्च को विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने उसके परिजनों को मुआवजे के रूप में केवल चार लाख रुपये ही दिये हैं।
भाजपा सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश के किसानों को मुआवजे के तौर पर 50-50 लाख रुपये दिये थे जबकि छत्तीसगढ़ के किसान को सिर्फ चार लाख रुपए ही क्यों। भाजपा पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की बघेल की घोषणा का जिक्र कर रही थी।
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की किसान विरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप कई किसानों ने आत्महत्या की है। इस बीच राज्य के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि आंदोलनरत किसानों की आठ मांगों में से छह पूरी कर दी गई है और उनके साथ बैठकें की जा चुकी हैं।