छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 15 मार्च 2022। एसईसीएल की अनुषंगी कम्पनी तथा रेल कॉरीडोर की परियोजना छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड के द्वितीय चरण (फेस-।।) के तहत छत्तीसगढ़ के कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक रेलवे लाईन बिछाए जाने के उद्धेश्य से आज दिनांक 15.03.2022 को एसईसीआर एवं एसईसीएल के मध्य कन्शेसन एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर किए गए। इस एग्रीमेन्ट के बाद उल्लेखित मार्ग में लगभग 62.5 किलोमीटर की नयी रेलवे लाईन के विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। रेलवे मुख्यालय में आयोजित समारोह में इस अवसर पर आलोक कुमार महाप्रबंधक रेलवे जोन, मनोज कुमार प्रसाद चेयरमेन सीईआरएल एवं सीडब्ल्यूआरएल सह एसईसीएल के निदेशक तकनीकी, वाई.के. चौधरी चीफ ट्रेफिक प्लानिंग मैनेजर, जे.एन. झा सीईओ सीईआरएल, अंकुश गुप्ता ईडी इरकॉन तथा डायरेक्टर सीईआरएल व रेलवे तथा छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लिमिटेड के अन्य वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
उपरोक्त एग्रीमेन्ट के जरिए छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड लगभग 30 वर्षों तक ढुलाई राजस्व भारतीय रेल के साथ शेयर करेगी जिसके एवज में रेल व्यवस्था का संचालन, रख-रखाव तथा निर्माण उपलब्ध कराया जाएगा। छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड एसईसीएल की एक अनुषंगी कम्पनी है जिससे ’स्पेशल पर्पस व्हीकल’ (एसपीवी) माडल पर विकसित किया गया है तथा इसमें एसईसीएल के साथ-साथ ईरकॉन इन्टरनेशनल लिमिटेड व छत्तीसगढ़ शासन के छत्तीसगढ़ स्टेट इन्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की सहभागिता है। लगभग 1700 करोड़ रूपये की संभावित लागत से विकसित की जा रही ईस्ट रेल कॉरीडोर परियोजना मार्च 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। ईस्ट रेल कॉरीडोर के संचालित होने से एसईसीएल के माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड केप्टिव ब्लॉक तथा कमर्शियल माईनिंग की परियोजनाओं से कोयले के ढुलाई में तेजी व सहूलियत आने की आशा है। यह प्रोजेक्ट माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड्स एवं वसुन्धरा कोलफील्ड्स में कोयले के डिस्पैच के लिए अतिरिक्त रूट उपलब्ध कराएगा।
छत्तीसगढ़ के सूदूर अंचलों में यातायात व माल ढुलाई के लिहाज से इस परियोजना को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार परियोजना से जुड़े भूमि अधिग्रहण का अधिकतम कार्य पूरा कर लिया गया है वहीं वन स्वीकृति भी अग्रिम चरण में है।
इस अवसर पर सीएमडी एसईसीएल डॉ. प्रेमसागर मिश्रा ने प्रोजेक्ट के सफल कार्यान्वयन हेतु टीम को बधाई प्रेषित करते हुए आशा जताई है कि समय से यह परियोजना पूरी की जा सकेगी तथा इससे एसईसीएल के कोयला डिस्पैच को नई रफ्तार मिल सकेगी।