छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 02 फरवरी 2025। केंद्र सरकार ने 2025-26 में जेलों के आधुनिकीकरण के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह वही राशि है जो 2024-25 में तय की गई थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर 75 करोड़ रुपये कर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को इसका एलान किया। इस पैसे का इस्तेमाल खासतौर पर जेलों को उन्नत बनाने में किया जाएगा। बताते चलें कि 2023-24 में, कुल 86.95 करोड़ रुपये जेलों के आधुनिकीकरण पर खर्च किए गए थे। गृह मंत्रालय जेल प्रबंधन को बहुत महत्वपूर्ण मानता है क्योंकि जेलें आपराधिक न्याय प्रणाली का अहम हिस्सा हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2023 में कहा था कि बेहतर जेल प्रबंधन आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जेल सुधार में सहयोग देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
जेलों की बेहतरी के लिए गृह मंत्रालय ने बनाया मॉडल प्रिजन्स एक्ट
मई 2023 में, मंत्रालय ने नया मॉडल प्रिजन्स एक्ट (आदर्श कारागार अधिनियम) तैयार किया। इस कानून में अलग-अलग तरह की जेलों के लिए नियम बनाए गए हैं, जैसे कि उच्च-सुरक्षा जेल और खुली जेल। इसका मकसद खतरनाक अपराधियों और आदतन अपराधियों से समाज को सुरक्षित रखना भी है। इस नए कानून में कैदियों को कानूनी सहायता देने, अच्छे व्यवहार के आधार पर पैरोल, फरलो और समय से पहले रिहाई जैसी सुविधाएं देने का प्रावधान है। इसके साथ ही यह कैदियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास प्रदान कर उन्हें समाज में फिर से बसने में मदद करने पर भी ध्यान देता है। मॉडल प्रिजन्स एक्ट जेल प्रबंधन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करता है, जिसमें कैदियों का पुनर्वास और सुधार शामिल है। इसमें कैदियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और उनकी रिहाई के बाद पुनर्वास सेवाएं भी शामिल हैं, ताकि वे जेल से बाहर जाकर समाज में आसानी से घुल-मिल सकें।