छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 29 जून 2024। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार में अपने आर्टिकल के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उनके इस आर्टिकल को साझा करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को पीएम पर आरोप लगाया कि वह हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में मतदाताओं द्वारा दिए गए संदेश पर विचार नहीं कर रहे हैं। खरगे ने आज सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना है कि इस बात के जरा भी संकेत नहीं मिलते कि उन्होंने (पीएम मोदी) लोकसभा चुनाव 2024 के जनादेश को समझा है और लाखों मतदाताओं के संदेश पर गौर किया है।’
सोनिया गांधी ने यह लिखा
सोनिया गांधी द्वारा लिखा गए आर्टिकल का शीर्षक था, ‘आम सहमति का उपदेश देना, टकराव को भड़काना।’ उन्होंने अपने आर्टिकल में लिखा कि प्रधानमंत्री ऐसे व्यवहार कर रहे हैं मानो कुछ भी नहीं बदला है। वह आम सहमति का उपदेश देते हैं, लेकिन टकराव को महत्व देना जारी रखते हैं। इस बात के जरा भी संकेत नहीं मिलते कि उन्होंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) लोकसभा चुनाव 2024 के जनादेश को समझा है और लाखों मतदाताओं के संदेश पर गौर किया है।
विशेष रूप से, 2024 के आम चुनावों में भाजपा की जीत 2019 की 303 सीटों और 2014 में जीती गई 282 सीटों की तुलना में बहुत कम है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने मजबूत बढ़त दर्ज की, 2019 में 52 सीटों और 2014 में 44 सीटों की तुलना में 99 सीटें जीतीं।
नीट में हुई धांधली को लेकर निकला गुस्सा
इससे पहले खरगे ने शुक्रवार को नीट के मुद्दे को लेकर पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि सात वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं, करोड़ों युवाओं से मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है। हम नीट घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा कर के, इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे। हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘राज्य सभा के सभापति जी से मैं ये कहूँगा कि विपक्ष के प्रति उनका आज का सौतेला व्यवहार भारतीय संसद के इतिहास में दागी हो गया है। सभापति जी केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे। मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फिर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा। जब नेता विपक्ष नियमानुसार उनका ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया, मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा। इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति साहब की गलती है।