छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
इंफाल 03 जनवरी 2024। मणिपुर के थौबल जिले में सोमवार को गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इस हादसे में 18 अन्य घायल भी हुए। इस गोलीबारी में मारे गए चार लोगों के परिवारवालों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें मैतेई मुस्लिम समुदाय के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की गई है। इसके साथ ही समुदाय ने इस हादसे की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की भी मांग रखी है।
परिजनों ने शव को लेने से किया इनकार
राज्य सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है, जिसका नेतृत्व मणिपुर पुलिस के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी मोहम्मद रियाजुद्दीन शाह करेंगे। मैतेई समुदाय ने अपने ज्ञापन में कहा, ‘राज्य सरकार को 48 घंटों के भीतर मांगे पूरी करनी चाहिए। अगर मांगे पूरी नहीं होती है तो वे अपने परिजनों का शव नहीं लेंगे। नए साल के दिन सोमवार की शाम को थौबल में करीब 20-25 उग्रवादी लिलोंग चिंगजाओ इलाके में एक व्यापारी के घर लूटपात करने आए थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब व्यापारी के घर पर भीड़ जमा हो गई तो उग्रवादियों ने उनपर गोली चला दी। पुलिस का कहना है कि यह घटना जातीय हमलों से जुड़ा नहीं है। दरअसल, जब राज्य में मैतेई और कुकी के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ तो मैतेई मुस्लिम समुदाय इसमें शामिल नहीं हुआ था।
मैतेई मुस्लिम समुदाय इस जातीय संघर्ष का हिस्सा नहीं
मैतेई मुस्लिम समुदाय ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर यह स्पष्ट किया कि कि सोमवार को हुए हमले जातीय संघर्ष का हिस्सा नहीं था। उन्होंने बताया, ‘हमने अपने समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है। हम इन झड़पों में बिलकुल भी शामिल नहीं है।’
इस गोलीबारी के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने घायलों के परिजनों से मुलाकात की। फिलहाल क्षेत्र की स्थिति शांतिपूर्ण है। प्रतिबंधित रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट ने कथित तौर पर इस गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया कि वह एक ड्रग डीलर के घर गए थे, लेकिन जब डीलर की तरफ से उनके ऊपर गोलीबारी की गई तो उन्हें भी मजबूरी में जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।