छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 01 नवंबर 2022। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नवंबर को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम पहुंचे। मानगढ़ धाम का प्रभाव तीन राज्यों की 99 विधानसभा सीटों पर माना जाता है। इसमें गुजरात की 27, राजस्थान की 25 और मध्यप्रदेश की 47 सीटें हैं। यह सभी सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन 3 राज्यों की करीब 40 लोकसभा सीटों पर भी आदिवासी समुदाय का असर माना जाता है। गुजरात में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में ठीक एक साल बाद चुनाव होंगे। मिशन 2023 को देखते हुए भी पीएम का बांसवाड़ा दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए पीएम का यह दौरा बेहद अहम है। गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमाएं यहां से नजदीक हैं। गुजरात में इसी वर्ष साल के अंत में चुनाव हैं। जबकि राजस्थान मध्य प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं। इस धार्मिक आयोजन के जरिए बीजेपी इन तीनों राज्यों के आदिवासियों को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि उनकी पार्टी आदिवासियों का कितना ख्याल रखती है।
पीएम की इस सभा का असर सबसे ज्यादा दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बेल्ट पर देखने को मिलेगा। आदिवासी बाहुल्य जिले बांसवाड़ा की 5 में से 2 ही सीटों पर बीजेपी विधायक हैं। डूंगरपुर की 4 में से 1 ही सीट बीजेपी के पास है। प्रतापगढ़ में 2 में से एक भी सीट बीजेपी के पास नहीं है। हालांकि उदयपुर, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही में बीजेपी मजबूत है। जानकारों का कहना है कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत आसपास के इलाकों के आदिवासी लंबे समय से कई मुद्दों पर सरकार से मांग कर रहे हैं। इनमें जनगणना में आदिवासियों का अलग कॉलम रखने और ट्राइबल कोड की मांग प्रमुख है। आदिवासी क्षेत्रों से जुड़े लोगों के रिजर्वेशन को लेकर कॉमन पॉलिसी बनाने, मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित करने, वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के भूमि अधिकार सुरक्षित रखने, उनकी संस्कृति को संजोकर रखने, आदिवासी क्षेत्र को केंद्र से विशेष बजट, रोजगार जैसी मांगें महत्वपूर्ण हैं।
मोदी के साथ मंच पर गहलोत,शिवराज और पटेल
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और एक एनजीओ मिलकर यह कार्यक्रम करवा रहे हैं। इसमें तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी और राजस्थान से केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी कार्यक्रम मौजूद रहे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा किया। गहलोत केंद्र सरकार और पीएम पर आए दिन सियासी हमले करते हुए नजर आते हैं। ईआरसीपी सहित राजस्थान के कई मुद्दों को लेकर गहलोत मोदी पर हमलावर रहते हैं।
आदिवासियों के लिए क्यों अहम है मानगढ़?
मानगढ़ धाम आदिवासियों की आस्था और भक्ति का केंद्र माना जाता है। इस जगह से बेहद दर्दनाक इतिहास जुड़ा है। इसे राजस्थान का जलियांवाला बाग भी कहा जाता है। दरअसल 17 नवंबर 1913 को अंग्रेजों ने मानगढ़ धाम की पहाड़ी को घेरकर अंधाधुंध गोलीबारी की थी जिसमें करीब 1,500 आदिवासी शहीद हो गए थे। आदिवासियों ने अपने समुदाय के संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी।