छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
गाजियाबाद 30 अक्टूबर 2024। गाजियाबाद की कचहरी में मंगलवार की सुबह सबकुछ आम दिनों की तरह सामान्य ही चल रहा था कि 11 बजते ही अचानक असमान्य हो गया। कुछ ही देर में जिला जज की कोर्ट में दो घंटे तक भारी बवाल चला। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि जिला जज की कोर्ट में 50-60 लोग मौजूद थे। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव के साथ कई वकील आए थे। ये लोग पहले जिला जज अनिल कुमार से एक अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील कर रहे थे, लेकिन जब बात नहीं बनी तो हंगामा करने लगे।
रोके नहीं रुक रहे थे वकील
उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने देखा कि वे लोग जिला जज का घेराव करने लगे। बस फिर क्या था। पुलिसवालों ने वकीलों को रोकने की कोशिश की। घेरा बनाकर उन्हें सुरक्षित करने का प्रयास किया लेकिन वकीलों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि वे रोके नहीं रुक रहे थे। पुलिसवालों ने धक्का देकर वकीलों को पीछे करने का प्रयास किया। इससे भी बात नहीं बनी।
पुलिसवालों ने किया लाठीचार्ज
लोगों ने बताया कि पुलिसवालों ने वकीलों से कहा कि वे लोग जिला जज पर हमले की कोशिश न करें, इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। लेकिन, वकील हंगामा करते रहे। इस पर पुलिसवालों ने लाठीचार्ज कर दिया। कोर्ट रूम में जगह बहुत कम थी। पुलिसवाले लाठी नहीं चला पा रहे थे। मौके की वीडियो देखकर पता चलता है कि कई पुलिसवालों ने वकीलों को घूंसे और थप्पड़ मारकर पीछे किया। इसके बाद कुछ पुलिसवालों ने कुर्सियां उठाकर वकीलों पर फेंकी। इससे वकील कोर्ट रूम से बाहर निकल गए और उनका गुस्से का रुख पुलिस की ओर हो गया।
वकील ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी का मुकदमा, अग्रिम जमानत पर थी सुनवाई
जिस मुकदमे में आरोपी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बवाल हुआ, वह कविनगर थाने में दो अक्तूबर को अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने दर्ज कराया था। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर यह केस दर्ज किया था। इसमें जितेंद्र सिंह का आरोप है कि उनकी और उनके साथी की 90 लाख की संपत्ति को फर्जी एग्रीमेंट बनाकर बेच दिया गया। एफआईआर में नौ लोग नामजद किए गए थे। एफआईआर में डासना नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाजी आरिफ अली, गुलरेज आलम, रिजवान अली, हसमुद्दीन, मोहम्मद फहीम, नसरुद्दीन, फातिमा परवीन, जफरुद्दीन और खुर्शीदन के नाम हैं। इस मामले में आरोपियों को 28 अक्तूबर तक अग्रिम जमानत मिल गई। 29 यानी मंगलवार को सुनवाई हो रही थी।
वकीलों पर 11 धाराओं में दर्ज किए केस
कचहरी परिसर में हुए बवाल में दो मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज किए गए हैं। ये मुकदमे बलवे की धारा 191(2), दंगा करने, 191(3) , सरकारी कार्य में बाधा डालना, 121(1), सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने 121 (2), संपत्ति को नुकसान पहुंचाने , 324(4) , संपत्ति को नष्ट करने के लिए आग लगाने326(जी) , आपराधिक षडयंत्र रचने61(2) , लोकशांति भंग करने 352, हमला करने 131, खतरनाक हथियारों से हमला करने 118 (1), 7 सीएलए, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की 3 और 4 धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आज हड़ताल पर रहेंगे हापुड़ के वकील
हापुड़ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने गाजियाबाद न्यायालय में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज का कड़ा विरोध किया है। जिसके चलते अधिवक्ताओं ने बुधवार को हड़ताल पर रहने की घोषणा की है।
अधिवक्ताओं बोले- जिला जज ने कराया लाठी चार्ज
अधिवक्ता मनोज नागवंशी ने बताया कि एक केस की सुनवाई के लिए वह अदालत में मौजूद थे। नाहर सिंह यादव व अन्य अधिवक्ताओं के साथ ही जिला जज से कहासुनी होने लगी। इसी दौरान जनपद न्यायाधीश ने फोन करके पुलिस बुलाकर लाठी चार्ज करा दिया। इसमें कई महिला अधिवक्ता भी घायल हो गईं।
न्यायाधीश ने जानबूझकर किया विवाद
अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिला जज कई बार सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं से यह कह चुके थे कि वह गाजियाबाद से दुखी हैं, यहां से जाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने जानबूझकर विवाद किया, जिससे उनका ट्रांसफर हो सके।