छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 30 सितंबर 2022। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस नफरत फैला रहे हैं। भगवान राम ने सबको गले लगाया, चाहे केवट हो, जटायु, शबरी या वानर। और तो और रावण की मृत्यु पर अपने अनुज को लक्ष्मण को ज्ञान लेने उसके पास भेजा। इन लोगों ने राम में जो करुणा, दया, प्रेम है, उसको तो स्वीकार किया नहीं। इस चरित्र में हैं क्या ये लोग। मुख्यमंत्री बघेल गुरुवार शाम हिमाचल प्रदेश के चुनावी दौरे से लौटने के बाद गुरुवार देर शाम एयरपोर्ट पर मीडिया से बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री बघेल ने भगवान कृष्ण का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने सत्य के लिए लड़ाई लड़ी। धर्म के लिए लड़ाई लड़ी। उसके लिए सब कुछ झोंक दिया। गीता जैसे उपदेश दिया, लेकिन यह लोग किस रास्ते पर हैं। इन लोगों ने किसको गले लगया है। यह लोग हिंदू- मुसलमान में नफरत फैलाते हैं। भाजपा नेताओं का बार-बार बयान आता है कि पाकिस्तान भेज देना चाहिए। उसको अखंड भारत में मिला देना चाहिए। यह कौन सी राजनीति है? कौन सी सामाजिक नीति है या तो पहले ही स्पष्ट करें।
नफरत से दिलों को नहीं जीता जा सकता
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस देश में विविधता है, यही हमारी ताकत है। इस देश में हजारों-हजारों साल से जातियां आई हैं। हिंदुस्तान में जो सामाजिक ताना-बाना है, ऐसा यंत्र है जो सब को पचा लेता है। सबको अपने में समाहित कर लेता है। दुनिया में अनेक जातियां उभरीं। देश बने, वह ऊंचाई पर भी पहुंचे, लेकिन आज उसका अस्तित्व समाप्त हो गया। हिंदुस्तान का अस्तित्व समाप्त नहीं हुआ। इसमें सब को स्वीकार करने की क्षमता, ताकत है। जबकि इनके दिलों में नफरत है और नफरत से दिलों को नहीं जीता जा सकता।
भाजपा नेताओं का धन्यवाद, उनमें घबराहट है
भाजपा नेताओं के उनको सबसे योग्य व्यक्ति बताए जाने के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, धरमलाल कौशिक जिस पद में थे, वह भी नहीं बचा पाए। बृजमोहन अग्रवाल पिछले 20 सालों से लगे हुए हैं नंबर एक पर जाने के लिए, लेकिन आज तक पहुंच नहीं पाए। उनकी सलाह के लिए उनको धन्यवाद। भाजपा नेताओं ने उनकी लोकप्रियता को स्वीकार किया। कहीं घबराहट तो नहीं है, इसलिए दिल्ली जाने की बात कह रहे हैं। मतलब 2023 के चुनाव की हार को स्वीकार कर लिया। मैं उनको धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हार को स्वीकार तो किया।
मेरे मन में भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कौतुहल
मुख्यमंत्री बघेल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में दिग्विजय सिंह के फार्म भरने को लेकर कहा कि शुक्रवार को नामांकन का आखिरी दिन है। देखिए, कितने लोग फार्म भरते हैं। जो आपके मन में कौतुहल है, वहीं मेरे मन में भी है। यह भी देखना होगा कि कौन-कौन नाम वापस लेते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव हमारी पार्टी में हो रहा है, यह लोकतंत्र का परिचायक है। भारतीय जनता पार्टी में पता नहीं चला नड्डा कब दोबारा अध्यक्ष बन गए।