छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 20 जून 2024। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कई सूचीबद्ध कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक धोखाधड़ी मामले में एमटेक समूह के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर और महाराष्ट्र में 35 स्थानों पर छापेमारी की। कई सूचीबद्ध कंपनियों में इन कंपनियों को एनसीएलटी की कार्यवाही में नाममात्र मूल्य पर अधिग्रहित किया गया था, जिससे बैंकों के समूह को नाममात्र की वसूली ही मिली। गुरुग्राम में ईडी का जोनल कार्यालय अरविंद धाम, गौतम मल्होत्रा और अन्य के नेतृत्व वाले एमटेक ग्रुप पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई और नागपुर में ये छापे मार रहा है। ईडी ने कहा कि कथित धोखाधड़ी से सरकारी खजाने को लगभग 10-15 हजार करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच समूह की एक इकाई एसीआईएल लिमिटेड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर और धोखाधड़ी की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार शुरू हुई। इसके अलावा, ईडी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि ऋण राशि को रियल एस्टेट, विदेशी निवेश और नए उद्यमों में निवेश करने के लिए निकाला गया था।
कंपनियों के शेयरों में हेराफेरी की गई- ईडी
एजेंसी के अनुसार, अधिक ऋण प्राप्त करने के लिए समूह की कंपनियों में फर्जी बिक्री, पूंजीगत संपत्ति, देनदार और लाभ दिखाए गए ताकि एनपीए न हो। ईडी ने कहा, “आरोप है कि सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में हेराफेरी की गई। शेल कंपनियों के नाम पर एक हजार करोड़ की संपत्ति जमा की गई है। कुछ विदेशी संपत्तियां बनाई गई हैं और नए नामों के तहत अभी भी पैसा जमा है।”