छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 11 दिसंबर 2023। छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग गई है। आदिवासी समाज के दिग्गज नेता विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री बने हैं। इनके नाम का प्रस्ताव डॉ. रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक दल की बैठक में रखा। इस प्रस्ताव को विधायक दल ने स्वीकार किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के तौर पर विष्णुदेव साय के नाम की घोषणा की गई।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भाजपा ने तीन पर्यवेक्षक बनाए। नियुक्त पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार गौतम रायपुर पहुंचे। वे सीधे एयरपोर्ट से प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के लिए रवाना हुए। इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे से विधायकों का परिसर में पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। विधायक दल की बैठक को दोपहर 12 बजे निर्धारित किया गया था, लेकिन बैठक दोपहर दो बजे के बाद ही शुरू हुई। वहीं इस बैठक में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने दोपहर लगभग दो बजे पहुंचे। इसके बाद रमन सिंह ने पर्यवेक्षकों से चर्चा की।
ऐसे हुआ मुख्यमंत्री चेहरे का चयन
दोपहर दो बजे के बाद विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में पर्यवेक्षक विधायकों के साथ सीएम चेहरे को लेकर चर्चा की। बैठक में पूर्व सीएम रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और रायपुर दक्षिण विधानसभा के आठवें बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विष्णुदेव साय के नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को विधायक दल ने स्वीकार किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम की घोषणा की गई। नाम के घोषणा के बाद परिसर के बाहर भाजपा कार्यकर्ता जमकर आतिशबाजी करते नजर आए। ढोल नगाड़े के साथ कार्यकर्ता झूमते नजर आए। इसके साथ ही परिसर के बाहर जमकर पटाखे फोड़े।
सीएम बनते ही दो बड़ी घोषणाएं की
नाम की घोषणा होने के बाद विष्णुदेव साय ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और वहां सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें कैबिनेट गठन के लिए आमंत्रित भी किया। मुख्यमंत्री बनते ही विष्णु देव साय ने कहा कि सबसे पहले मैं बीजेपी को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं ईमानदारी के साथ सबके विश्वास पर खराब उतरने की कोशिश करूंगा और मोदी की गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ की जनता से किए गए वादे पूरे किए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने दो बड़ी घोषणाएं भी की है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले काम 18 लाख आवाज देने का करूंगा इसके साथ ही 2 साल का बकाया बोनस 25 दिसंबर को दिया जाएगा।
13 दिसंबर को शपथ ग्रहण कार्यक्रम
छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री बनने के बाद शपथ ग्रहण कार्यक्रम 13 दिसंबर को होगा। नए मुख्यमंत्री बने विष्णुदेव राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई राज्य के मुख्यमंत्री समेत कई दिग्गज नेता शामिल हो सकते हैं।
ये हो सकते हैं डिप्टी सीएम
विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डिप्टी सीएम भी बनेंगे। वहीं अब राज्य में डिप्टी सीएम बनने को लेकर काफी चर्चा है। डिप्टी सीएम के लिए प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू और विजय शर्मा शपथ ले सकते हैं। वहीं तीन बार के मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह विधानसभा के अध्यक्ष होंगे। बता दें कि अरुण साव इससे पहले सांसद भी रह चुके हैं और विजय शर्मा कांग्रेस के दिग्गज मंत्री मोहम्मद अकबर को हराकर कवर्धा विधानसभा से पहली बार विधायक बने हैं। इसके साथ ही विजय शर्मा विद्यार्थी परिषद के नेता भी रहे हैं।
कौन हैं विष्णुदेव साय?
छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव साय प्रदेश के दिग्गज नेताओं में से एक हैं। वे आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। विष्णुदेव साय चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो-दो बार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके साथ ही सारे को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है। साल 2023 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने कुनकुरी सीट से जीत हासिल भी की है। सियासी गलियारों में पहले से ही चर्चा थी कि विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं। क्योंकि विष्णुदेव साय साफ छवि के नेता माने जाते हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष का पद से हटाए जाने के बाद भी वे पार्टी से लगातार जुड़े रहे।
विष्णुदेव साय का राजनीतिक सफर
उन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत 1989 में शुरू की। सबसे पहले वे एक गांव के पंच के रूप में थे। संघ से जुड़े थे। भारतीय जनता पार्टी ने साल 1990 में उनके ऊपर भरोसा जताकर तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का टिकट दिया गया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार के सांसद भी चुने गए। साल 1999 से लेकर साल 2014 तक लगातार तीन बार सांसद रहे हैं। इसलिए विष्णुदेव साय को आदिवासी समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है।