कोयला श्रमिकों को एक लाख रुपए सालाना बोनस दिया जाए- हरिद्वार सिंह

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

बिलासपुर 13 अक्टूबर 2020। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी दुर्गा पूजा के अवसर पर कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा कोयला श्रमिकों को सालाना बोनस दिया जाना है जिसके लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने 15 अक्टूबर को मानकीकरण समिति (Standardization Committee) की बैठक बुलाई है।

संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) के केन्द्रीय महामंत्री, जेबीसीसीआई (वैक.) सदस्य काo हरिद्वार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा है कि पिछले वर्ष 64700 रुपए सालाना बोनस दिया गया था। वर्ष 2019-20 में कोल इंडिया का प्रॉफिट 16700 करोड़ रुपए है। कोल इंडिया के मैनपावर में भी कमी आयी है। यह कोई साधारण वर्ष नहीं रहा है, कोरोना के कारण यह वर्ष बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। कोयला मजदूरों ने लड़ते हुए, मरते हुए, जान जोखिम में डालकर राष्ट्र की सेवा में अपने जान की बाजी लगाई है। ऐसी परिस्थिति में यह बोनस केवल बोनस नहीं है बल्कि बोनस के साथ साथ राष्ट्र की सेवा में अपने जान की बाजी लगाने का प्रोत्साहन राशि भी शामिल होना चाहिए। इसीलिए इस बार कोयला श्रमिकों को एक लाख रुपए सालाना बोनस मिलना चाहिए। कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी है और कोविड-19 महामारी के समय में भी कोल इंडिया में कोयला उत्पादन का कार्य निर्बाध रूप से जारी रहा। इस विषम परिस्थिति में भी बिना किसी विशेष भत्ते के कोल इंडिया के कर्मचारी देश के हित को सर्वोपरि रखते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर कंधे से कंधा मिलाकर कोयला उत्पादन व कंपनी के कार्य में लगे रहे ताकि देश में कोयले की कमी ना हो, देश में विद्युत आपूर्ति प्रभावित ना हो। इस बार कोयला मजदूरों पर दोहरी मार पड़ी है एक तरफ जहां कोरोना के कारण कर्मचारियों की मृत्यु हुई है वहीं दूसरी तरफ खदान में हो रही दुर्घटनाओं से भी कोयला मजदूरों की जान गई है। अकेले एसईसीएल में कोरोना के कारण लगभग 30 लोगों की जान अभी तक गई है। खदान के दुर्घटनाओं में भी कई कर्मचारियों की जान जा चुकी है। लेकिन फिर भी कोयला कामगारों ने कार्य को कभी भी बाधित नहीं किया और न ही ड्यूटी पर जाने से मनाही किया। लगातार राष्ट्र व कंपनी हित के कार्य में लगे रहे। इससे बेहतर उदाहरण दूसरा हो नहीं सकता। भारत सरकार कोयला खदानों को निजी हाथों में बेचना चाहती है, पब्लिक सेक्टर को बेचना चाहती है लेकिन कोयला मजदूर कोयला खदान व पब्लिक सेक्टर को बचाने में लगे हुए हैं।

काo हरिद्वार सिंह ने एटक के जेबीसीसीआई सदस्य सह राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रमेंद्र कुमार से वार्ता कर आग्रह किया है कि इन तमाम पहलुओं को 15 अक्टूबर को होने वाली मानकीकरण समिति की बैठक में रखा जाए एवं कोयला श्रमिकों को एक लाख रुपए सालाना बोनस दिया जाने की मांग बैठक में संगठन की ओर से रखी जाए।

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